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Thursday, September 29, 2011

मंत्र कर्मों का


मिट रहा है वह तो केवल रूप है
लेख कर्मों का कभी मिटता नहीं.

निज सुखों को वार, जग से प्यार कर
यश कमा, यह धन कभी लुटता नहीं.

मत समझ अपना-पराया, बाँट दे
सुख लुटाने से कभी घटता नहीं.

स्वार्थ-मद में मत कभी हुंकार भर
गर्जना से आसमां फटता नहीं.

तंत्र तन का एक दिन खो जायेगा
मंत्र कर्मों का कभी कटता नहीं. 

(मेरे छत्तीसगढ़ी ब्लॉग मितानी-गोठ में नव-रात्रि के अवसर पर दुर्गा जी के दोहों की श्रृंखला पोस्ट की जा रही है,मेरा विश्वास है कि हमारी आंचलिक भाषा छतीसगढ़ी को हिंदी के बहुत करीब पायेंगे. कृपया अवश्य ही पधारें)
mitanigoth

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर , दुर्ग
छत्तीसगढ़.

25 comments:

  1. पाठक-गण ही पञ्च हैं, शोभित चर्चा मंच |
    आँख-मूँद के क्यूँ गए, कर भंगुर मन-कंच |
    कर भंगुर मन-कंच, टिप्पणी करते जाओ |
    प्रस्तोता का करम, नरम नुस्खा अपनाओ |
    रविकर न्योता देत, द्वार पर सुनिए ठक-ठक |
    चलिए रचनाकार, लेखकालोचक-पाठक ||

    शुक्रवार

    चर्चा - मंच : 653

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  2. मत समझ अपना-पराया, बाँट दे
    सुख लुटाने से कभी घटता नहीं.

    बहुत ही सुन्दर रचना है ... सहज सरल ढंग से आपने कितनी सुन्दर बात कही है ...

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  3. तंत्र तन का एक दिन खो जायेगा
    मंत्र कर्मों का कभी कटता नहीं. bahut sahi , arth bhare

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  4. सुन्दर सन्देश देती हुई रचना ....

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  5. तंत्र तन का एक दिन खो जायेगा
    मंत्र कर्मों का कभी कटता नहीं.

    ....बहुत सारगर्भित रचना...नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें !

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  6. अच्छे अशआर पेश किये हैं आपने!
    अगर मतला भी होता तो मुकम्मल गज़ल हो जाती।

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  7. सुख लुटाने से कभी घटता नहीं.

    इस रचना के आध्यात्मिक संदेश ने काफ़ी प्रेरित किया।

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  8. मत समझ अपना-पराया, बाँट दे
    सुख लुटाने से कभी घटता नहीं.....

    so true !

    .

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  9. बहुत भावमयी गीत ....

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  10. तंत्र तन का एक दिन खो जायेगा
    मंत्र कर्मों का कभी कटता नहीं. बहुत अच्छी अर्थपूर्ण प्रस्तुति .

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  11. बहुत ही सही कहा...
    कल्याणकारी सुन्दर सन्देश.....मनमोहक रचना...वाह..

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  12. सुन्दर रचना वाह
    आप भी मेरे फेसबुक ब्लाग के मेंबर जरुर बने
    mitramadhur@groups.facebook.com

    MADHUR VAANI
    BINDAAS_BAATEN
    MITRA-MADHUR

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  13. सर्वप्रथम नवरात्रि पर्व पर माँ आदि शक्ति नव-दुर्गा से सबकी खुशहाली की प्रार्थना करते हुए इस पावन पर्व की बहुत बहुत बधाई व हार्दिक शुभकामनायें। रचना की हर पंक्ति अनुकरणीय……पुन: बधाई व आभार……

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  14. तंत्र तन का एक दिन खो जायेगा
    मंत्र कर्मों का कभी कटता नहीं.

    बहुत सुन्दर रचना,अनुकरणीय

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  15. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना , बधाई

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  16. तंत्र तन का एक दिन खो जायेगा
    मंत्र कर्मों का कभी कटता नहीं. ...

    सच कहा है कर्म ही है जो हमेशा साथ देते हैं ... सार्थक चिंतन ...

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  17. मत समझ अपना-पराया, बाँट दे
    सुख लुटाने से कभी घटता नहीं.....


    बहुत बढ़िया....

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  18. मिट रहा है वह तो केवल रूप है
    लेख कर्मों का कभी मिटता नहीं.sarthak abhivaykti...

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