भावनाओं की गहरी अभिव्यक्ति ....
बहुत मर्मस्पर्शी ... बहुत सुंदर ।
bahut achhi rachna
क्या बात है...बहुत सुन्दर
VAAH MAUT KO BHI GALE LAGANE KA JAZBA BAHUT KHOOB HAI
आ तुझे बाँहों में भर लूँआज कितने पास है तू ..वाह अरुण जी ... कमाल की गज़ल और बेहद खूबसूरत शेर .. मज़ा आ गया पढ़ के ...
बुझ सकी ना ज़िंदगी सेअनबुझी-सी प्यास है तू.आपको बहुत बहुत बधाई --इस जबरदस्त प्रस्तुति पर ||
bhaut lazwaab prstuti....
bhaut hi acchi prstuti...
बुझ सकी ना ज़िंदगी सेअनबुझी-सी प्यास है तू....Lovely expression !.
उम्र भर की तलाश है तूतू जमीं , आकाश है तू.मन को छू लेने वाली रचना...
Behtreen Panktiyan...
कही दूर तक मन को छु गयी रचना बधाई
मौत तुझसे पूछता हूँकिसलिये उदास है तू....क्या बात है अरुण भाई....सादर साधुवाद...
सुन्दर रचना |मेरे भी ब्लॉग में पधारें |मेरी कविता
कोमल भावनाएं ..सुन्दर प्रस्तुति
बेहतरीन रचना....
भावनाओं की गहरी अभिव्यक्ति ....
ReplyDeleteबहुत मर्मस्पर्शी ... बहुत सुंदर ।
ReplyDeletebahut achhi rachna
ReplyDeleteक्या बात है...बहुत सुन्दर
ReplyDeleteVAAH MAUT KO BHI GALE LAGANE KA JAZBA BAHUT KHOOB HAI
ReplyDeleteआ तुझे बाँहों में भर लूँ
ReplyDeleteआज कितने पास है तू ..
वाह अरुण जी ... कमाल की गज़ल और बेहद खूबसूरत शेर .. मज़ा आ गया पढ़ के ...
बुझ सकी ना ज़िंदगी से
ReplyDeleteअनबुझी-सी प्यास है तू.
आपको बहुत बहुत बधाई --
इस जबरदस्त प्रस्तुति पर ||
bhaut lazwaab prstuti....
ReplyDeletebhaut hi acchi prstuti...
ReplyDeleteबुझ सकी ना ज़िंदगी से
ReplyDeleteअनबुझी-सी प्यास है तू....
Lovely expression !
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उम्र भर की तलाश है तू
ReplyDeleteतू जमीं , आकाश है तू.
मन को छू लेने वाली रचना...
Behtreen Panktiyan...
ReplyDeleteकही दूर तक मन को छु गयी रचना बधाई
ReplyDeleteमौत तुझसे पूछता हूँ
ReplyDeleteकिसलिये उदास है तू....
क्या बात है अरुण भाई....
सादर साधुवाद...
सुन्दर रचना |
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मेरी कविता
कोमल भावनाएं ..सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबेहतरीन रचना....
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