"अलविदा अमन"
अपनी लाश का बोझ उठाऊं, नामुमकिन
मौत से पहले ही मर जाऊं, नामुमकिन
- अमन चाँदपुरी
आज मन बहुत ही विचलित है। कल ही कुंवर कुसुमेश जी ने उनकी हालत का जिक्र किया था। शाम को मुकेश कुमार मिश्र ने फोन पर हालत का नाजुक होना बताया था और आज सुबह अमन के निधन के अविश्वसनीय समाचार ने हतप्रभ कर दिया। विचित्र स्थिति है कि जिस ईश्वर ने उसे हमसे छीना, उसी से हम आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। एक प्रशंसक होकर हम इस तरह विचलित हैं तो उसके परिवार की क्या हालत होगी, अकल्पनीय है। नियति के निर्णय के सम्मुख हम सब नतमस्तक हैं। ईश्वर अमन की आत्मा को शांति प्रदान करे।
अभी बाईस वर्ष भी पूरे नहीं हुए थे और नियति ने "अमन चाँदपुरी" को हमसे छीन लिया। साहित्याकाश का एक उभरता सितारा समय से बहुत पहले ही टूट गया। दो वर्ष पूर्व की ही तो बात है जब मैं अंजुमन प्रकाशन की किताब "विविध प्रसंग" (छन्द प्रसंग) का संपादन कर रहा था तब अमन ने मेल द्वारा मुझे कुण्डलिया छन्द भेजे थे। परिचय यहीं से हुआ था। एक दो बार इसी संग्रह बाबत फोन पर चर्चा हुई थी। फिर फेसबुक के माध्यम से जुड़े थे। फेसबुक पर अमन के दोहे, मुक्तक, गजलें आदि देख कर मैं आश्चर्य चकित रह जाता था कि इतनी कम उम्र में कैसे कोई इतनी परिपक्व रचनाएँ लिख सकता है ? लेकिन अमन की कलम में चमत्कार था। उसकी हर रचना को मैं पढ़ा करता था। अमन न मेरा मित्र था, न रिश्तेदार। न वह मेरा शिष्य था न कोई व्यक्तिगत घनिष्ठता। बस एक ही रिश्ता था - कलम का रिश्ता। रचना उत्कृष्ट हो तो पाठक ढूँढने की जरूरत ही नहीं होती।
30 सितम्बर को उसने फेसबुक पर पोस्ट डाली थी कि डेंगू की वजह से वह लखनऊ आ गया है और उसे रक्त की जरूरत है। इसी दिन की एक अन्य पोस्ट में यह शेर था -
तीरगी से बच गए तो रौशनी लड़ने लगी
क्या बताऊँ मुझसे मेरी ज़िंदगी लड़ने लगी
27 सितम्बर को अमन ने अपनी 2 साल पुरानी गजल पोस्ट की थी -
दश्त में प्यासी भटक कर तश्नगी मर जाएगी
ये हुआ तो ज़िंदगी की आस भी मर जाएगी
रोक सकते हैं तो रोकें मज़हबी तकरार सब
ख़ून यूँ बहता रहा तो ये सदी मर जाएगी
फिर उसी कूचे में जाने के लिए मचला है दिल
फिर उसी कूचे में जाकर बेख़ुदी मर जाएगी
आँख में तस्वीर बनकर आज भी रहता है वो
आ गए आँसू तो ये तस्वीर ही मर जाएगी
बोलना बेहद ज़रुरी है मगर ये सोच लो
चीख़ जब होगी अयाँ तो ख़ामुशी मर जाएगी
नफ़रतों की तीरगी फैली हुई है हर तरफ़
प्यार के दीपक जलें तो तीरगी मर जाएगी
ख़त्म करना चाहते हैं आपसी रंजिश अगर
सबकी हाँ में हाँ मिलाएं दुश्मनी मर जाएगी
रंजो-ग़म से राब्ता मेरा न टूटे ऐ ख़ुदा
यूँ हुआ तो मेरी सारी शायरी मर जाएगी
दोस्तों से बेरुखी अच्छी नहीं होती 'अमन'
दूरियाँ ज़िन्दा रहीं तो दोस्ती मर जाएगी
~ अमन चाँदपुरी
अमन के ये मिसरे दिल को छू जाते हैं -
एक मुद्दत से मेरे हाथों में
है क़लम और न रौशनाई है
जिनको अश'आर कह रहा है जहाँ
ये मेरे हिज्र की कमाई है
~ अमन चाँदपुरी
हाल अपना है पुराने घर के आँगन की तरह
टूटना ही था मुकद्दर जिसका दर्पन की तरह
~ अमन चाँदपुरी
दुनिया छोड़ के जिस दुनिया में आया हूँ
उस दुनिया से बाहर आऊँ, नामुमकिन
~ अमन चाँदपुरी
मैं जिसे अपना समझता था, उसी ने छीन ली
ज़िन्दगी से ज़िन्दगी ख़ुद ज़िन्दगी ने छीन ली
हम सुखनवर हैं कि हम पे नाज़ करता है जहाँ
हाँ मगर रोटी हमारी शायरी ने छीन ली
~ अमन चाँदपुरी
अमन के दोहों में कबीर की गहराई दिखाई दे जाती है -
अमन चाँदपुरी के दोहे -
'अमन' तुम्हारी चिठ्ठियाँ, मैं रख सकूँ सँभाल।
इसीलिए संदूक से, गहने दिये निकाल।।
एक पुत्र ने माँ चुनी, एक पुत्र ने बाप।
माँ-बापू किसको चुनें, मुझे बताएँ आप?
प्रेम किया तो फिर सखे! पूजा-पाठ फ़ुज़ूल।
ढाई आखर में निहित, सकल सृष्टि का मूल।।
मानवता के मर्म का, जब समझा भावार्थ।
मधुसूदन से भी बड़े, मुझे दिखे तब पार्थ।।
मुझे अकेला मत समझ, पकड़ न मेरा हाथ।
मैं तन्हा चलता नहीं, दोहे चलते साथ।।
आँसू, आहें, कल्पना, प्रणय, प्यास औ' पीर।
यार बता देखा कभी, मुझ-सा कहीं अमीर।
आँसू, आहें, कल्पना, प्रणय, प्यास औ' पीर।
यार बता देखा कभी, मुझ-सा कहीं अमीर।।
जमे नहीं क्या शहर में, 'अमन' तुम्हारे पाँव।
मेड़ खेत की पूछती, जब-जब जाता गाँव।।
- अमन चाँदपुरी
इन झलकियों से ही अमन के लेखन की ऊँचाइयाँ पता चल जाती है। हिन्दी और उर्दू साहित्य के लिए अमन का जाना निश्चय ही अपूरणीय क्षति है। उत्कृष्ट साहित्य पढ़ने वालों को अमन की रचनाएँ अवश्य ही पढ़नी चाहिए। फेसबुक में aman chandpuri सर्च करके या कविता कोश में ये रचनाएँ पढ़ी जा सकती हैं।
अमन का परिचय -
साहित्यिक नाम - अमन चाँदपुरी
मूल नाम- अमन सिंह
जन्मतिथि- 25 नवम्बर 1997
पिता – श्री सुनील कुमार सिंह
माता - श्रीमती चंद्रकला सिंह
शिक्षा – परास्नातक (अध्ययनरत)
लेखन विधाएँ– दोहा, ग़ज़ल, गीत, हाइकु, क्षणिका, कवित्त, मुक्तक, कुंडलिया, समीक्षा, लघुकथा एवं मुक्त छंद कविताएँ आदि
सम्पादित पुस्तक – ‘दोहा दर्पण‘
प्रकाशन – विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं तथा वेब पर विभिन्न विधाओं में हज़ारों रचनाएँ प्रकाशित
प्रकाशित पुस्तकें (समवेत संग्रह)
कारवान-ए-ग़ज़ल, दोहा कलश, यादों के दरीचे, गुनगुनाएँ गीत फिर से, ग़ज़ल-प्रसंग, कविता-प्रसंग,
दोहा-प्रसंग, विविध प्रसंग, कविता अभिराम-3, स्वर धारा, दोहा दर्पण, दोहा दर्शन
पुरस्कार एवं सम्मान –
1- प्रतिभा मंच फाउंडेशन द्वारा ‘काव्य रत्न सम्मान‘
2- साहित्य शारदा मंच (उत्तराखंड) द्वारा ‘दोहा शिरोमणि' की उपाधि
3- समय साहित्य सम्मेलन, पुनसिया (बांका, बिहार) द्वारा 'कबीर कुल कलाधर' सम्मान
4- कामायनी संस्था (भागलपुर, बिहार) द्वारा 'कुंडलिया शिरोमणि' की मानद उपाधि
5- उन्मुख साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था द्वारा 'ओमका देवी सम्मान'
6- नवसृजन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था तथा अधीश कुमार विचार मंच द्वारा 'हिन्दी सेवा सम्मान'
7- अखिल भारतीय साहित्य उत्थान परिषद द्वारा 'साहित्य गौरव सम्मान'
8- तुलसी शोध संस्थान, लखनऊ द्वारा 'संत तुलसी सम्मान'
9- सृजन संस्था द्वारा लखनऊ में 'सृजन युवा सम्मान'
विशेष - फोटोग्राफी में रुचि। विभिन्न पत्र - पत्रिकाओं तथा वेब पर फोटोग्राफस प्रकाशित
निवास – ग्राम व पोस्ट- चाँदपुर,तहसील - टांडा
जिला- अम्बेडकर नगर (उ.प्र.)- 224230
प्रशंसक - अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
दुखद....
ReplyDeleteऊं शांति शांति शांति
विनम्र श्रद्धांजलि !!!!!
ReplyDeleteजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
13/10/2019 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (१३ -१०-२०१९ ) को " गहरे में उतरो तो ही मिलते हैं मोती " (चर्चा अंक- ३४८७) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
दुखद समाचार। श्रद्धाँजलि।
ReplyDeleteअश्रुपूरित श्रद्धांजलि।
ReplyDeleteशानदार कवि।