ज्ञानियों से ज्ञान लेना
चाहिये
गल्तियों को मान लेना चाहिये |
स्वस्थ रहने का सरल सिद्धांत है
पेय - जल को छान लेना चाहिये |
रास्ते सब खुद ब खुद
मिल जायेंगे
लक्ष्य मन में ठान
लेना चाहिये |
इस जहां में दोस्तों
की शक्ल को
दूर से पहचान
लेना चाहिये |
धन न वैभव सुख कभी दे
पाएंगे
प्रेम का
वरदान लेना चाहिये |
दिल कहे कि पात्रता रखता है तू
तब कोई सम्मान लेना चाहिये |
ज़िंदगी का अर्थ क्या
है ऐ अरुण
अनुभवों से जान
लेना चाहिये |
अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
विजय नगर, जबलपुर
(मध्यप्रदेश)
ReplyDeleteतिनके को भी सिद्धकर, कह सकते मल-खम्भ |
तर्क शास्त्र में दम बड़ा, भरा पड़ा है दम्भ |
भरा पड़ा है दम्भ, गलतियाँ क्यूँकर मानें |
आठ-आठ हो साठ, विद्वता जिद हैं ताने |
होवे गलती सिद्ध, मगर हो ऐसे *पिनके |
बके अनाप-शनाप, तोड़ देता कुल तिनके ||
*क्रोधित
तिनके तोडना=सम्बन्ध ख़त्म करना
मैं की मय पीकर करे, मैं मैं मैं का जाप
Deleteसुन मैं मय के बावरे, मैं मय दोनों पाप |
मै की मय पीकर चला,मुझसे बड़ा न कोय
Deleteमय ले जाता गर्त में , मैं को देता धोय !
RECENT POST बदनसीबी,
मै मैया मै मैथिली, मैत्रयी मै मैल |
Deleteमैना बोले मनुज सम, पिघलाए मय-शैल ||
मैं मैं में खोता गया, ज्ञानी सारा ज्ञान,
Deleteजगह-जगह बस आपनी,महिमा करे बखान.
मैके को मत हीनिये , मैं को लो समुझाय
Deleteमई के महीने की तरह,शीत ऋतु झुलसाय ||
मैया मैं नहिं झूठ अब , बोलूँ तेरे पास
Deleteमैंने ही माखन सकल,खा कर किया खलास |
अशआरों की सूक्तियों से सजी-सँवरी उम्दा ग़ज़ल!
ReplyDeleteरास्ते सब खुद ब खुद मिल जायेंगे
ReplyDeleteलक्ष्य मन में ठान लेना चाहिये | .... हर दोहे जीवन दान दे रहे
अर्थपूर्ण दोहे ...
ReplyDeleteदिल कहे कि पात्रता रखता है तू
ReplyDeleteतब कोई सम्मान लेना चाहिये |
हर बात आपने सटीक कही है ....बहुत सुंदर ....
आज कल तो सम्मान पाने के लिए पात्रता नहीं कुछ और की ज़रूरत होती है ... दिल की कहाँ कौन सुनता है ...
उत्कृष्ट प्रस्तुति है ....बहुत सुंदर .... रास्ते सब खुद ब खुद मिल जायेंगे
ReplyDeleteलक्ष्य मन में ठान लेना चाहिये |
खुबसूरत ,अर्थपूर्ण और सटीक दोहे ....
ReplyDeleteआभार!
ज्ञानियों से ज्ञान लेना चाहिये
ReplyDeleteगल्तियों को मान लेना चाहिये | शानदार मतला गुरुदेव श्री
स्वस्थ रहने का सरल सिद्धांत है
पेय - जल को छान लेना चाहिये | वाह सुन्दर सीख
रास्ते सब खुद ब खुद मिल जायेंगे
लक्ष्य मन में ठान लेना चाहिये | अति सुन्दर एवं सत्य
इस जहां में दोस्तों की शक्ल को
दूर से पहचान लेना चाहिये | वाह मस्त मदमस्त
धन न वैभव सुख कभी दे पाएंगे
प्रेम का वरदान लेना चाहिये | हाय हाय गज़ब
दिल कहे कि पात्रता रखता है तू
तब कोई सम्मान लेना चाहिये | मज़ा आ गया सर
ज़िंदगी का अर्थ क्या है ऐ अरुण
अनुभवों से जान लेना चाहिये | वाह गुरुदेव वाह
आदरणीय गुरुदेव श्री सभी के सभी अशआर अपने आप में सम्पूर्ण एवं सुन्दर सीख दे रहे हैं, इस शानदार हेतु दिली दाद के साथ साथ हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर
बहुत बढ़िया दोहे....
ReplyDeleteदिल कहे कि पात्रता रखता है तू
तब कोई सम्मान लेना चाहिये |
बेहद सार्थक.
सादर
अनु
अर्थपूर्ण दोहे..
ReplyDeleteसत्य-अनुभव ये सभी सिद्दांत हैं
आज़माकर देख लेना चाहिए |
आप्त वाणी सा ..
ReplyDeleteधन न वैभव सुख कभी दे पाएंगे
ReplyDeleteप्रेम का वरदान लेना चाहिये ..
गहरी बात कितनी सहजता से कह दि ...
खूबसूरत शेर है अरुण जी ... मज़ा आया पूरी गज़ल पढ़ के ...
ज्ञानियों से ज्ञान लेना चाहिये
ReplyDeleteगल्तियों को मान लेना चाहिये
ज़िंदगी का अर्थ क्या है ऐ अरुण
अनुभवों से जान लेना चाहिये-बेहद सार्थक.
Latest postअनुभूति : चाल ,चलन, चरित्र (दूसरा भाग )
बहुत सुन्दर! बहुत बढ़िया!
ReplyDelete~सादर!!!
बहुत सुन्दर नीति-वचन !
ReplyDeleteसीधे साधे ढंग से बहुत हि आवश्यक बाते कही गई
ReplyDeleteगजल का हर मतला लाजवाब है
समुन्दर की गहराई को समेटे हर लाईन को तहे दिल से सलाम
BAHUT HI SUNDAR AUR VICHARNIY ORASTUTI,BESHAK GALTIO KO MAN LENA CHAHIYE
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