दुर्मिल सवैया ( 8 सगण l l S)
(1)
अधिकार मिले अति भाग खिले, नहिं दम्भ दिखे प्रण आज करो
करना नहिं शासन ताकत से , दिल पे दिल से बस राज करो
कब कौन कहाँ बिछड़े बिसरे , लघु कौन यहाँ ,गुरु कौन यहाँ
उसकी फुँकनी सुर साज रही , वरना हर साज त मौन यहाँ ||
(2)
प्रण आज करो सब एक रहें , नहिं भेद रहे तुझमें मुझमें
उसके शुभ अंश बँटे सब में , जल में थल में इसमें उसमें
दिन चार मिले कट तीन गये , बस एक बचा बरबाद न हो
किस काम क जीवन हाय सखे, यदि जीवन में मधु स्वाद न हो ||
अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
विजय नगर, जबलपुर ( मध्य प्रदेश)
अरुण जी, स्वागत है आपका, आपकी पोस्ट भी प्रशंसनीय है..सुंदर भाव और भाषा से युक्त !
ReplyDeleteक्या बात है भाई साहब विचार और अर्थ से लबालब है संकल्पों की पोटली .बधाई .शुक्रिया आपकी सद्य टिपण्णी का .
ReplyDeleteदिन चार मिले कट तीन गये , बस एक बचा बरबाद न हो
ReplyDeleteकिस काम क जीवन हाय सखे, यदि जीवन में मधु स्वाद न हो ....
सच कहा है अरुण जी ... एक दिन जो कटना है प्रेम ओर उल्लास से कटे तो जीवन सफल ... मज़ा आ गया ...
आदरणीय गुरुदेव प्रणाम, सवैया दिल को भा गए भैया वाह जवाब नहीं सर आपका, बार-बार पढना और हर बार आनंद दोगुना हो जाता है, हार्दिक बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteअधिकार मिले अति भाग खिले, नहिं दम्भ दिखे प्रण आज करो ... वाह
करना नहिं शासन ताकत से , दिल पे दिल से बस राज करो .... लाजवाब
कब कौन कहाँ बिछड़े बिसरे , लघु कौन यहाँ ,गुरु कौन यहाँ ..... मस्त मदमस्त
उसकी फुँकनी सुर साज रही , वरना हर साज त मौन यहाँ|| .... उम्दा
प्रण आज करो सब एक रहें, नहिं भेद रहे तुझमें मुझमें ... क्या बात है
उसके शुभ अंश बँटे सब में, जल में थल में इसमें उसमें .हाय हाय
दिन चार मिले कट तीन गये, बस एक बचा बरबाद न हो ...सत्य बहुत गहरी बात
किस काम क जीवन हाय सखे, यदि जीवन में मधु स्वाद न हो || मज़ा आ गया
सार्थक अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteउम्दा,सार्थक प्रस्तुति,,,हार्दिक बधाई निगम जी,,
ReplyDeleterecent post : जन-जन का सहयोग चाहिए...
आपके द्वारा रचित सवैया की प्रशंसा के लिए मेरे अल्पज्ञान कोष में शब्द नही मिल रहे। उसे जैसे विनय पत्रिका या सूरदास की पंक्तियों की तरह गा गा के भाव विभोर हो गया ....बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteव शुक्रिया .....
सुंदर , अर्थपूर्ण पंक्तियाँ
ReplyDeleteदिन चार मिले कट तीन गये , बस एक बचा बरबाद न हो
ReplyDeleteकिस काम क जीवन हाय सखे, यदि जीवन में मधु स्वाद न हो ||
...बहुत खूब! बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति...