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Friday, November 11, 2016

आज के सन्दर्भ में दोहे -

आज के सन्दर्भ में दोहे -

भैया देख बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि
छुट्टा आवै काम उत,का करि सकै हजारि ।

उनको आवत देख के, छुट्टन करै पुकारि
नोट हजारि बंद हुए, कल अपनी भी बारि ।

बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे नोट हजार
मार्किट में चलता नहीं, गायब ब्लैक बजार ।

भैया खड़ा बजार में, लिए हजारी हाथ
कोई भी पूछै नहीं, मानो हुआ अनाथ ।

अरुण कुमार निगम

9 comments:

  1. आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति मौलाना अबुल कलाम आजाद और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।

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  2. सभी दोहे बढ़िया लगे।

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  3. सभी दोहे बढ़िया लगे।

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  4. एक तो वैसे ही आसमान टूट पड़ा है उन पर ,आप और जले पर मिर्च छिड़क रहे हैं !

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  5. आभार आदरणीया प्रतिभा जी, अच्छे दिन के आगमन का स्वागत कडुवी दवा से ही होगा, ऐसा सुनते आये हैं. हमें तो धैर्य से प्रतीक्षा ही करने पड़ेगी. सादर.

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