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Saturday, November 12, 2016

समाचार आया नए नोट का....



एक सामयिक ग़ज़ल.....
(१२२ १२२ १२२ १२)
समाचार आया नए नोट का
गिरा भाव अंजीर-अखरोट का |

दवा हो गई बंद जिस रात से
हुआ इल्म फौरन उन्हें चोट का |

मुखौटों में नीयत नहीं छुप सकी
सभी को पता चल गया खोट का |

जमानत के लाले उन्हें पड़ गए
भरोसा सदा था जिन्हें वोट का |

नवम्बर महीना बना जनवरी
उड़ा रंग नायाब-से कोट का |

मकां काँच के हो गए हैं अरुण
नहीं आसरा रह गया ओट का |


अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग
(छत्तीसगढ़)

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