छंद
कुण्डलिया :
(१)
पापा
कहते हैं बड़ा , नाम करेगा पूत
होगी
बेटे से अहा , वंश - बेल मजबूत
वंश
- बेल मजबूत , गर्भ में बेटी मारी
क्यों
बेटे की चाह , बनी इनकी लाचारी
नहीं
करो यह पाप,नहीं खोना अब आपा
बेटा
- बेटी एक , समझ लो मम्मी-पापा ||
(२)
पापा
कहते है बड़ा , नाम करेगा लाल
इच्छायें
सब थोप दीं , बेटा हुआ हलाल
बेटा
हुआ हलाल, न कर पाया मनचीता
खूब
लगे प्रतिबंध, व्यर्थ में जीवन बीता
अभियंता
का स्वप्न, कुदाली गैंती रापा
हैं बेटे के हाथ , बहुत
पछताये पापा ||
(३)
पापा कहते हैं
बड़ा , नाम करेगा पुत्र
पहले प्रतिभा भाँपिये,यही सरलतम सूत्र
यही
सरलतम सूत्र , टोकना नहीं निरंतर
सब
हो युग अनुरूप,न हो पीढ़ी का अंतर
सफल
हुये वे लोग , जिन्होंने अंतर ढाँपा
साथ
बढायें पाँव , पुत्र औ’ मम्मी - पापा ||
अरूण
कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
बहुत बढ़िया कुंडलियाँ....
ReplyDeleteसादर
अनु
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार (19-12-13) को टेस्ट - दिल्ली और जोहांसबर्ग का ( चर्चा - 1466 ) में "मयंक का कोना" पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
वाह .. झूम उठा पढ़ने के बाद .... लाजवाब कुण्डलियाँ अरुण जी ... समय अनुसार ...
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा,प्रस्तुति...
ReplyDeleteपढ़कर आनंद आ गया !
RECENT POST -: एक बूँद ओस की.
बहुत बढिया..आभार
ReplyDeleteतीन अलग अलग पक्ष को प्रस्तुत करती कुंडली
ReplyDeleteसुन्दर भाव लिए बहुत बढिया है
.. लाजवाब कुण्डलियाँ अरुण जी
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