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Friday, May 3, 2013

मुझे प्यार मगर करती है








 (चित्र गूगल से साभार)
 ऐश इनकम  पे मेरी शामोसहर करती है
बैंक बैलेंस को पल भर में सिफर करती है ||

मैंने बाइक  भी  नहीं बदली कई सालों से
वो  हमेशा  यूँ  ही ए सी में सफर करती है ||

भाँप  के  उसके  इरादे   मैं  काँप जाता हूँ
जब मेरी ओर कभी तिरछी नज़र करती है ||

जानती है  कि  ये है मोम , पिघल जाएगा
झील-सी आँख तुरत अश्क़ से तर करती है ||

मेरी  हिंदी  तो जुबां से  न निकल पाती है
जब भी अंग्रेजी में  वो चटर-पटर करती है ||

शौक है खर्च का दौलत भी लुटाती है बहुत
खूब  लड़ती  है  मुझे प्यार मगर करती है ||

अरुण कुमार निगम
आदित्यनगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
शम्भूश्री अपार्टमेंट, विजय नगर, जबलपुर (मध्यप्रदेश)

12 comments:

  1. 'खूब लड़ती है मुझे प्यार मगर करती है ||'
    -
    फिर भी इतनी शिकायतें ,सारे काम तो करती है !

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  2. :):) सपना जी कहाँ हैं आज कल ? खूब खबर लेंगी आपकी ।

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  3. शौक है खर्च का दौलत भी लुटाती है बहुत
    खूब लड़ती है मुझे प्यार मगर करती है ||,,,बहुत बढ़िया ,,, लेकिन अब आपकी खैर नही,,,


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  4. खूब लड़ती है मुझे प्यार मगर करती है ||'
    -
    फिर भी इतनी शिकायतें ,सारे काम तो करती है !..बहुत बढ़िया..

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  5. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार(4-5-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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  6. जानती है कि ये है मोम , पिघल जाएगा
    झील-सी आँख तुरत अश्क़ से तर करती है |
    बहुत सुंदर
    बधाई


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  7. बहुत मजा आया इस रचना को पढ़ कर |कहीं यह आपबीती तो नहीं |
    आशा

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  8. शौक है खर्च का दौलत भी लुटाती है बहुत
    खूब लड़ती है मुझे प्यार मगर करती है ..बहुत खूब

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  9. पेश करने का आपका अंदाज बहुत बढिया है...

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