Followers

Wednesday, January 4, 2012

यही वो तिलस्मी पथ है


यही वो तिलस्मी पथ है
जो जाता तो है
जीवन पर पूर्ण विराम खींचने
मगर लौटता है
जीवन पर प्रश्न चिन्ह लेकर.

यही वो तिलस्मी पथ है
जिस पर जाते हुये
मिलते  हैं
कुछ बिखरे हुये अल्प विराम
कुछ अर्ध विराम के ठूँठ
धूल पर ठहरे हुये
कुछ विस्मयादिबोधक-चिन्ह.

यही वो तिलस्मी पथ है
जिस पर लौटते पथिक की
नियति में लिखा है
फिर से कैद होना
जीवन के कोष्टक में
प्रश्न-चिन्हों के साथ.


गाता राम नाम पथ
अविरल अविराम पथ
शाश्वत मुक्तिधाम पथ
एक पूर्ण विराम पथ.

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर , दुर्ग (छत्तीसगढ़)
विजय नगर , जबलपुर (मध्य-प्रदेश)


24 comments:

  1. Bahut hi sundar abhivyakti! Anupam shabd chayan.. dhanyavaad!

    ReplyDelete
  2. यही वो तिलस्मी पथ है
    जिस पर लौटते पथिक की
    नियति में लिखा है
    फिर से कैद होना
    जीवन के कोष्टक में
    प्रश्न-चिन्हों के साथ...कितनी सार्थकता है आपकी बातों में

    ReplyDelete
  3. नव-वर्ष की मंगल कामनाएं ||

    धनबाद में हाजिर हूँ --

    ReplyDelete
  4. बहुत खूब कहा है आपने ।

    ReplyDelete
  5. बहुत बढ़िया ..
    बेहतरीन सार्थक रचना.
    बधाई.

    ReplyDelete
  6. बेहतरीन रचना बधाई.

    ReplyDelete
  7. इस पथ का उद्देश्य नहीं है, शांत भवन में टिक रहना,
    किंतु चले जाना उस हद तक जिसके आगे राह नहीं है।

    ReplyDelete
  8. मोक्ष सब चाहते हैं पर इस पथ प् जाने से सबको न जाने क्यों डरलगता है ..

    ReplyDelete
  9. बहुत ही सुन्दर और सार्थक सन्देश ...

    ReplyDelete
  10. बहुत ही बढ़िया सर!


    सादर

    ReplyDelete
  11. भाषाई प्रतीकों बिम्बों के सहारे गहरी बात कहती बहुत सार्थक रचना आदरणीय अरुण भाई.... सादर बधाई स्वीकारें.

    ReplyDelete
  12. A very beautiful creation indeed.

    ReplyDelete
  13. sundar evam saarthak sandesh deti rachna abhaar ...

    ReplyDelete
  14. सराहनीय प्रस्तुति

    जीवन के विभिन्न सरोकारों से जुड़ा नया ब्लॉग 'बेसुरम' और उसकी प्रथम पोस्ट 'दलितों की बारी कब आएगी राहुल ...' आपके स्वागत के लिए उत्सुक है। कृपा पूर्वक पधार कर उत्साह-वर्द्धन करें

    ReplyDelete
  15. यही वो तिलस्मी पथ है
    जिस पर लौटते पथिक की
    नियति में लिखा है
    फिर से कैद होना
    जीवन के कोष्टक में
    प्रश्न-चिन्हों के साथ.
    सकारात्मक सार्थक सन्देश लिए अनुपम रचना .

    ReplyDelete
  16. आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को नये साल की ढेर सारी शुभकामनायें !
    बहुत ख़ूबसूरत रचना !

    ReplyDelete
  17. सकारात्मक सार्थक सन्देश लिए अनुपम रचना .
    भाई साहब ज्यादातर रोग ही इस दौर के मनो -कायिक हैं साइकोसोमातिक हैं (Psychosomatic:describes a physical illness that is caused by mental factors such as stress ,or the related to such illnesses,involving both the mind and body).आज के ९० %रोग मन से काया में आ रहें हैं .ONLY A HEALTHY BODY CAN HOUSE A HEALTHY MIND.सुन्दर विज्ञान कविता .जी हाँ आपकी रचनाएं आयुर्वेद के पाठ्य क्रम (BAMS)में शामिल करने की पात्रता लिए हैं . फल और तरकारियों पर लिखी रचनाएं हिंदी के हर अखबार में छपनी छापनी चाहिए .बाल साहित्य का श्री वर्धन हैं आपकी रचनाएं .स्वास्थ्य निर्देशिका रचतीं हैं .बधाई नव वर्ष पर

    ReplyDelete
  18. bahut sundar rachna.bahut pasand aai.

    ReplyDelete
  19. बहुत सुंदर और अर्थपूर्ण रचना !
    बधाई !

    ReplyDelete
  20. अर्थ पूर्ण ... सकारात्मक रचना ... बहुत अच्छी लगी ...

    ReplyDelete
  21. यही वो तिलस्मी पथ है
    जिस पर लौटते पथिक की
    नियति में लिखा है
    फिर से कैद होना
    जीवन के कोष्टक में
    प्रश्न-चिन्हों के साथ.......बिलकुल सही

    ReplyDelete
  22. गाता राम नाम पथ
    अविरल अविराम पथ
    शाश्वत मुक्तिधाम पथ
    एक पूर्ण विराम पथ.

    Nigam sahab bhaut hi sundar rachana ka srijan kiya hai ... adhyatmik abhivyakti ...bahut abhar ke sath hi badhai .

    ReplyDelete
  23. एक के बाद एक पढने को उकसाती है आपकी हरेक रचना लौटता जा रहा हूँ पीछे और पीछे .

    गाता राम नाम पथ
    अविरल अविराम पथ
    शाश्वत मुक्तिधाम पथ
    एक पूर्ण विराम पथ.

    ReplyDelete