*गुरु पूर्णिमा की शुभकामनायें*
गुरु की महिमा जान, शरण में गुरु की जाओ
जीवन बड़ा अमोल, इसे मत व्यर्थ गँवाओ
दूर करे अज्ञान , वही गुरुवर कहलाये
हरि से पहले नाम, हमेशा गुरु का आये ।।
जीवन बड़ा अमोल, इसे मत व्यर्थ गँवाओ
दूर करे अज्ञान , वही गुरुवर कहलाये
हरि से पहले नाम, हमेशा गुरु का आये ।।
*अरुण कुमार निगम*
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteगुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (11-07-2017) को चर्चामंच 2663 ; दोहे "जय हो देव सुरेश" पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
दिनांक 11/07/2017 को...
ReplyDeleteआप की रचना का लिंक होगा...
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी इस चर्चा में सादर आमंत्रित हैं...
आप की प्रतीक्षा रहेगी...
प्रेरक छंद।
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