*हिन्दी फिल्मों के गायक कलाकार*
गायक कलाकार फिल्मों के, रहते हैं पर्दे से दूर
किन्तु नायिका नायक को वे, कर देते काफी मशहूर।।
सहगल पंकज मलिक जोहरा, राजकुमारी और खुर्शीद
तीस और चालीस दशक की जनता इसकी हुई मुरीद।।
रफी मुकेश किशोर सचिन दा, मन्नाडे हेमंत सुबीर
कभी शरारत कभी निवेदन, कभी सुरों में बाँधी पीर।।
गीतादत्त सुरैया मीना, आशा लता सुधा शमशाद
सबकी अपनी अपनी शैली, सबके सुर का अपना स्वाद।।
कवि प्रदीप बातिश राजागुल, इक्का दुक्का राज कपूर
उमा कमल बारोट चुलबुली, सुन चढ़ता था मस्त सुरूर।।
हेमलता यशुदास रवीन्दर, कंचन पंचम दा शैलेन्द्र
मनहर ऊषा कविता अलका, लंबी तानें लिए महेंद्र।।
बरसों से हम सुनते आए, किया इन्होंने दिल पर राज
दिल से गाते थे ये सारे, दिल को छूती थी आवाज।।
अब के गायक गीत सुना कर, हिट हो जाते रातों रात
उतनी ही जल्दी खो जाते, जैसे गर्मी में बरसात
रचनाकार - अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग
छत्तीसगढ़
गायक कलाकार फिल्मों के, रहते हैं पर्दे से दूर
किन्तु नायिका नायक को वे, कर देते काफी मशहूर।।
सहगल पंकज मलिक जोहरा, राजकुमारी और खुर्शीद
तीस और चालीस दशक की जनता इसकी हुई मुरीद।।
रफी मुकेश किशोर सचिन दा, मन्नाडे हेमंत सुबीर
कभी शरारत कभी निवेदन, कभी सुरों में बाँधी पीर।।
गीतादत्त सुरैया मीना, आशा लता सुधा शमशाद
सबकी अपनी अपनी शैली, सबके सुर का अपना स्वाद।।
कवि प्रदीप बातिश राजागुल, इक्का दुक्का राज कपूर
उमा कमल बारोट चुलबुली, सुन चढ़ता था मस्त सुरूर।।
हेमलता यशुदास रवीन्दर, कंचन पंचम दा शैलेन्द्र
मनहर ऊषा कविता अलका, लंबी तानें लिए महेंद्र।।
बरसों से हम सुनते आए, किया इन्होंने दिल पर राज
दिल से गाते थे ये सारे, दिल को छूती थी आवाज।।
अब के गायक गीत सुना कर, हिट हो जाते रातों रात
उतनी ही जल्दी खो जाते, जैसे गर्मी में बरसात
रचनाकार - अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग
छत्तीसगढ़
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 15/09/2018 की बुलेटिन, ध्यान की कला भी चोरी जैसी है “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteसही कहा
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDelete👌👌👌
ReplyDeleteवाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
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