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Saturday, May 5, 2012

बुद्ध पूर्णिमा पर गीत -पंचशील के अनुगामी


(चित्र गूगल से साभार)

रचना - श्रीमती सपना निगम 

यही धर्म है मोक्ष पथगामी
मध्यम मार्ग सरल
पाँच अनुशीलन हैं इसके
मानव पालन कर.


सत्कर्मों की पूँजी बना ले

प्रेम-भाव अविरल
कर्मों को अपना धर्म समझ ले
करना किसी से न छल.


प्राणीमात्र पर दया करना तू

जो  हैं दीन-निर्बल
बुद्ध ने जो सन्देश दिया है
उस पर करना अमल.


राग-रंग नहीं करना तुझको

संयम है तेरा बल
मानव जीवन तुझे मिला है
रखना इसे निर्मल.


त्रिपिटक ग्रंथों में समाये

जीवन सार सकल

प्रज्ञा शील करुणा अपना ले
मोक्ष की कामना कर.


स्वर्ग-नर्क सब किसने देखा ?

किसने देखा कल ?
परम-धाम जाना है तुझको
बुद्ध की राह पर चल.

बुद्धं शरणम गच्छामि

धम्मं शरणम गच्छामि
संघम  शरणम गच्छामि
पंचशील के अनुगामी.


बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनायें

-श्रीमती सपना निगम
 आदित्य नगर,दुर्ग
 (छत्तीसगढ़)

21 comments:

  1. वाह |
    बढ़िया बुद्ध चर्चा -
    और सीख |
    बधाई भाई जी ||
    धनबाद आ रहे हैं क्या|
    बेटे के साथ-

    शुभकामनायें ||

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  2. बहुत सुंदर सार्थक सीख देती बेहतरीन रचना //निगम जी,..बधाई //

    MY RECENT POST .....फुहार....: प्रिया तुम चली आना.....

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  3. बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनायें .... बहुत सुंदर रचना ...

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  4. स्वर्ग-नर्क सब किसने देखा ?
    किसने देखा कल ?
    परम-धाम जाना है तुझको
    बुद्ध की राह पर चल.
    सुन्दर काव्य रूप .आज बैशाख पर्व है बुद्ध का जन्म दिवस .मेरा भी है कार्ल मार्क्स का भी आज ही है ... ....कृपया यहाँ भी पधारें -http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/05/blog-post_7883.html./http://veerubhai1947.blogspot.in/
    शनिवार, 5 मई 2012
    चिकित्सा में विकल्प की आधारभूत आवश्यकता : भाग - १


    स्कूल में चरस और गांजा ,भुगतोगे भाई, खामियाजा

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    Replies
    1. वीरु भाई , आपको जन्म-दिन की हार्दिक शुभकामनायें.

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  5. क्या बात है!!
    आपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 07-05-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-872 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ

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  6. आज 06/05/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  7. भूल सुधार ---
    कल 07/05/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  8. बहुत सुंदर रचना .......बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनायें

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  9. त्रिपिटक ग्रंथों में समाये
    जीवन सार सकल
    प्रज्ञा शील करुणा अपना ले
    मोक्ष की कामना कर. गहरी अभिव्यक्ति गहरी सोच

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  10. बुद्धं शरणम गच्छामि
    धम्मं शरणम गच्छामि
    संघम शरणम गच्छामि
    पंचशील के अनुगामी...

    very inspiring..

    .

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  11. बुद्धं शरणम गच्छामि
    धम्मं शरणम गच्छामि
    संघम शरणम गच्छामि

    जीवन मार्ग बताती सुंदर कविता।
    बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं।

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  12. आह ! अति सुन्दर रचना....बुद्धं शरणम गच्छामि

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  13. वाह...........
    बहुत सुंदर...
    अनंत शुभकामनाएँ.
    सादर.

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  14. बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनायें .... बहुत सुंदर रचना ...

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  15. बुद्धं शरणं गच्छामि ...
    बहुत बहुत शुभकामनायें इस लाजवाब रचना पे ...

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  16. वाह खूबसूरत सन्देश देती सुन्दर रचना |

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  17. बहुत सुंदर रचना ...
    बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनायें

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  18. स्वर्ग-नर्क सब किसने देखा ?
    किसने देखा कल ?
    परम-धाम जाना है तुझको
    बुद्ध की राह पर चल.

    सुंदर गीत सुंदर सन्देश के साथ. सपना जी को बधाई.

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  19. बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनायें आपको भी...!

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  20. .

    बहुत सुंदर गीत !
    नमन आपके भावों और लेखनी को !

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