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Thursday, May 3, 2012

भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष पूरे


इस अवसर पर एक विशेष  प्रस्तुति
 
अपने     पसंदीदा      कई     संगीत कार     है
नौशाद ,  दान सिंह,   रवि,    हेमंत कुमार   हैं.

खैय्याम ,ओ पी नैय्यर, शंकर औ जयकिशन
सी.  राम  चंद   पे   हजारों    जाँ  -  निसार  हैं.

कल्याण  जी   आनंद  जी ,  जयदेव,  चित्रगुप्त
हुस्न लाल  भगत राम  के   भी  तलबगार  हैं.

बुलो सी . रानी, सचिन दा ,  एस.एन.त्रिपाठी
इनकी  धुनें  तो  अब  तलक  सर पे  सवार हैं.

बसंत देसाई, ऊषा खन्ना,  लक्ष्मी और प्यारे
ये  भी  तो  वीणापाणि  की  वीणा  के  तार  हैं.

ठेके  वो  दत्ताराम  के , पंचम  की  शोखियाँ
गुलाम  मोहम्मद  की    धुनें  खुशगवार   हैं.

रविशंकर ,  मदन मोहन की  बात निराली
सलिल चौधरी  ने छेड़े, जवाँ दिल के तार हैं.
 
नाशाद,सोनिक ओमी, सी. अर्जुन, शिव-हरि
खेम चंद प्रकाश’,रोशन, यहाँ सदाबहार हैं.

[ओबीओ के तरही मुशायरा में शामिल मेरी गज़ल : कुछ परिवर्तन के साथ]

एक नजर इधर भी : सियानी गोठ   http://mitanigoth2.blogspot.com

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
विजय नगर ,जबलपुर (म.प्र.)

13 comments:

  1. शुक्रवार के मंच पर, लाया प्रस्तुति खींच |
    चर्चा करने के लिए, आजा आँखे मीच ||
    स्वागत है-

    charchamanch.blogspot.com

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  2. वाह !!!! क्या बात है निगम जी,...
    लाजबाब प्रस्तुति,..

    MY RECENT POST.....काव्यान्जलि.....:ऐसे रात गुजारी हमने.....

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    Replies
    1. वाह:क्या लाजबाब प्रस्तुति,..
      सुन्दर..

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  3. वाह ...कोई विषय आपसे अछूता है क्या ?

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  4. वाकई ! विशेष प्रस्तुति ही है जो अच्छी लगी...

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  5. वाह, बहुत उम्दा प्रस्तुति

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  6. कमाल की प्रस्तुति....
    शुभकामनायें आपको !

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  7. वाह वाह ... अरुण जी पता नहीं किस किस की याएं ताज़ा कर दी आपने ... मज़ा अ गया पढ़ के ...

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  8. बहुत बढ़िया प्रस्तुति न पढ़ते तो गम रह जाता .नौशाद और नाशाद दो संस्करण क्यों नौशाद साहब के.क्या कोई ना -शाद भी हैं ? .. ....कृपया यहाँ भी पधारें -http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/05/blog-post_7883.html./http://veerubhai1947.blogspot.in/
    शनिवार, 5 मई 2012
    चिकित्सा में विकल्प की आधारभूत आवश्यकता : भाग - १


    स्कूल में चरस और गांजा ,भुगतोगे भाई, खामियाजा

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  9. क्या बात है इसे हि कहते हैं जहाँ ना पहुंचे रवि
    वहाँ पहुंचे कवि

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