हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन, विश्व खेल दिवस पर.....शत-शत नमन
हॉकी
हाकी कल पहचान थी, आज हुई गुमनाम
खेल स्वदेशी खो गये , सिर चढ़ बैठा दाम
सिर चढ़ बैठा दाम , शुरू अब सट्टेबाजी
लाखों लाख कमायँ,नहीं भरता उनका जी
कलुषित है माहौल , कहाँ सच्चाई बाकी
करें पुन: शुरुवात, उठा हम अपनी हाकी ||
अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
हॉकी
हाकी कल पहचान थी, आज हुई गुमनाम
खेल स्वदेशी खो गये , सिर चढ़ बैठा दाम
सिर चढ़ बैठा दाम , शुरू अब सट्टेबाजी
लाखों लाख कमायँ,नहीं भरता उनका जी
कलुषित है माहौल , कहाँ सच्चाई बाकी
करें पुन: शुरुवात, उठा हम अपनी हाकी ||
अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 30.8.18 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3079 में दिया जाएगा
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद
sundar chhand
ReplyDeleteयही हाल अब कबड्डी का होने वाला है !
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