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Saturday, April 13, 2013

ढम्म लला – बाल गीत


ढम्म लला, ढम्म लला
ढम ढम ढम ढम
झूम झूम नाचूँ मैं
छम छम छम छम

गड़ गड़ गड़, गरड़ गरड़
बदरा करे
रिमझिम रस बरसाता
सावन झरे
बिजुरी भी चमक रही
चम चम चम चम ||

सर सर सर, सरर सरर
बहती हवा
दे सबको शीतलता
कहती हवा
तरुवर भी झूम रहे
झम्मक झम झम ||

फड़ फड़ फड़, फड़क फड़क
नाच रहे मोर
दादुर पपीहे भी
करते हैं शोर
खेल नहीं वसुधा से
थम थम थम थम ||

जल जल जल, जाये ना
धरती कहीं
पानी बचाओ, वन
काटो नहीं
भटक भटक जाये ना
सुंदर मौसम ||


अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
शम्भूश्री अपार्टमेंट, विजय नगर, जबलपुर (मध्यप्रदेश)

13 comments:

  1. अरूण जी बहुत सुन्दर!

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  2. बहुत प्यारा गीत .....

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  3. वाह !!! अरुण जी बहुत ही सुंदर बाल गीत,,,

    Recent Post : अमन के लिए.

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  4. बहुत प्यारा बाल गीत .....

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  5. बहुत प्यारी प्रस्तुति आभार नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें रिश्तों पर कलंक :पुरुष का पलड़ा यहाँ भी भारी .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MANजाने संविधान में कैसे है संपत्ति का अधिकार-1

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  6. झुमा दिया आपने..

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  7. बहुत ही सुन्दर प्यारा बल गीत.

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  8. सुंदर बाल रचना
    आपकी इस प्रविष्टि क़ी चर्चा सोमवार [15.4.2013]के चर्चामंच1215 पर लिंक क़ी गई है,
    अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए पधारे आपका स्वागत है | सूचनार्थ..

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  9. शब्दों की नाद-योजना प्रशंसनीय है!

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  10. बहुत बढ़िया -
    शुभकामनायें भाई-

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  11. झम झम झम झम, छम छम छम छम...... बढ़िया सुर और ताल हैं...
    ~सादर!!!

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