गुण के कारण आये याद.
अवगुण पर गुण होते भारी
सिद्ध करे इसकी तरकारी.
स्वादिष्ट, पौष्टिक है सब्जी
खाकर देखें इसकी भुरजी.
कोई भरवाँ इसे बनाये
मेहमानों में शान बढ़ाये.
फिर भी चाहने वाले चंद
लेकिन यह है फायदेमंद.
औषधीय गुण का भंडार
करे त्वचा के दूर विकार.
यह कितना ज्यादा उपयोगी
जाने मधुमेह के रोगी.
यह है एक एंटीऑक्सीडेंट
बढ़ाये मेटाबोलिजम परसेंट.
पेट के कीड़ों का यह नाशक
भूख बढ़ाये , है अति पाचक.
पत्ते , बीज सभी गुणकारी
करें दूर ये कई बीमारी.
प्रकृति के संग शक्ति बढ़ाना
सब्जी, फल अनमोल खजाना.
रंगरूप पर कभी न जाना
गुणीजनों से प्रीत बढ़ाना.
अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर , दुर्ग ( छत्तीसगढ़ )
विजय नगर , जबलपुर ( मध्य प्रदेश )
kavita kavita me bahut laabhkari baate bataai hain aapne.bahut upyogi karela iski sabji kitni swadish banti hai khaane vaala hi jaane.mujhe to bahut pasand hai.bahut achchi kavita likhi hai aapne.
ReplyDeleteफुर्सत के दो क्षण मिले, लो मन को बहलाय |
ReplyDeleteघूमें चर्चा मंच पर, रविकर रहा बुलाय ||
शुक्रवारीय चर्चा-मंच
charchamanch.blogspot.com
इतनी नापसंद सब्जी पर लिखी कविता बहुत पसंद आई....
ReplyDeleteअगली का इन्तेजार है.
कद्दू या मुनगा फल्ली :-)
बढ़िया गीत.... सुन्दर शृंखला है आदरणीय अरुण भईया....
ReplyDeleteअच्छे गीत संकलित हो रहे है सब्जियों के....
सादर...
करेले के गुण बखूबी बताये हैं ... मुझे तो पसंद है यह सब्ज़ी :)
ReplyDeleteशायद खुद कडवी हूँ तो कड़वी चीज़ें भी पसंद आती हैं :)
अरुण जी आप तरह तरह के सब्जी को लेकर इतनी सुन्दरता से कविता लिखते हैं जिसे पढ़ने में तो अच्छा लगता ही है और साथ ही साथ पेट में चूहा दौड़ने लग जाता है! करेला मुझे बेहद पसंद है कड़वा होने पर भी क्यूंकि एक अलग ही स्वाद है और सेहत के लिए बढ़िया है!
ReplyDeleteस्वादिष्ट , पौष्टिक सब्जी
ReplyDeleteखाकर देखें जरा भुर्जी.
कोई भरवाँ इसे बनाये
मेहमानों में शान बढ़ाये... aaj karaile ka bhaag jaaga hai, waah
उफ़्फ़....करेला.....माना कि गुण बहुत हैं.....पर मुझे पसंद नहीं :(
ReplyDeleteकल 16/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
कविता बहुत पसंद आई....
ReplyDeleteबहुत प्रेरक और शिक्षाप्रद प्रस्तुति।
ReplyDeletefir se ek arthpoorna rachna arun ji badhai
ReplyDeleteकरेले के गुण ...कविता में ..वाह
ReplyDeleteकरेले गुण बताते शब्दों का कमाल का संयोजन
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteप्रसाद गुण की ये रचना काफी प्रेरणादायक है ..!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...!
मेरे ब्लॉग आपका हार्दिक स्वागत है ..!
बेहतरीन जाकारी से भरी पोस्ट कविता की कविता विज्ञान का विज्ञान .
ReplyDeleteवाह! सुंदर श्रंखला....इंतज़ार है अब कौन सी सब्जी है?
ReplyDeleteकरेले के गुणो पर आधारित बहुत ही बढ़िया, स्वादिष्ट कविता :-) मुझे भी बहुत पसंद है करेला ...समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
ReplyDeleteये रचना काफी बहुत सुन्दर है ..!
ReplyDelete@ mahendra verma
ReplyDelete6:10 PM (1 hour ago)
to me
अरुण जी,
नमस्कार
आपके ब्लाग के कमेंट बाक्स से कमेंट नहीं हो पा रहा है, इसलिए मेल कर रहा हूं।
महेन्द्र वर्मा
.................
विज्ञान कथा बहुत लिखी गई है लेकिन विज्ञान कविताओं का अभाव-सा है।
आपकी कविताएं इस कमी को दूर कर रही हैं। बहुत बढि़या लिख रहे हैं आप।
@@ Pallavi pallavisaxena80@gmail.com via blogger.bounces.google.com
ReplyDelete4:07 PM (3 hours ago)
to me
Pallavi has left a new comment on your post "करेला":
करेले के गुणो पर आधारित बहुत ही बढ़िया, स्वादिष्ट कविता :-) मुझे भी बहुत पसंद है करेला ...समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
@@@ Kailash Sharma kcsharma.sharma@gmail.com via blogger.bounces.google.com
ReplyDelete2:47 PM (4 hours ago)
to me
Kailash Sharma has left a new comment on your post "करेला":
वाह! सुंदर श्रंखला....इंतज़ार है अब कौन सी सब्जी है?
waah Arun ji , Great delicious creation on bitter gourd.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...करेले की उपयोगिता इतनी सुन्दर अभिवक्ति के साथ.....सादर
ReplyDeleteप्रकृति के संग शक्ति बढ़ाना
ReplyDeleteसब्जी, फल अनमोल खजाना.
रंगरूप पर कभी न जाना
गुणीजनों से प्रीत बढ़ाना.
आपकी प्रस्तुति अनमोल है.
गुणीजनों से प्रीत बढ़ना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी.
मेरी पोस्ट हनुमान लीला पर भी आपकी
चंद पंक्तियों का अभिलाषी हूँ जी.
करेले की महिमा अच्छी लगी
ReplyDeletekarela vaki bahut upyogi hai aur ap kavita ne to karela ke liye akarshit hi kr diya .....abhar. Mere nye post pr apka swagat hai.
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