फूल, पत्ती,जड़ और तना
इन अंगों से वृक्ष बना
किसी वृक्ष के फल बेहतर
फूल किसी पर हैं सुंदर.
इन सबमें “मुनगा” बेजोड़
कौन करेगा इससे होड़.
सभी अंग में शक्ति भरी
वाह ! प्रकृति की जादूगरी.
फूल , पत्तियाँ और फली
खाने में लगती हैं भली
जड़ और छाल से बने दवा
गोंद भी उपयोगी इसका.
सेवन में अति पोषक है
यह जल का भी शोधक है.
सभी स्वाद से पहचाने
कम ही इसके गुण जाने.
पत्ती में है विटामिन – सी
फाइबर ,आयरन, कैल्शियम भी
खनिज तत्व और फास्फोरस
पत्ती की भाजी दिलकश.
पत्ती का चूर्ण चमत्कारी
गर्भवती , प्रसूता नारी
करे जो सेवन दूध बढ़े
नई पीढ़ी बलवान गढ़े.
फूल की सब्जी बढ़िया बने
बेसन के संग भजिया छने.
मुनगा फली की तरकारी
करें पसंद सब नर – नारी.
सहजन क्या है जान भी लो
इसकी ताकत मान भी लो
अंडा दूध से दूना प्रोटीन
कौन भला सहजन से हसीन.
दूध से चार गुना कैल्शियम
केले से तीन गुना पोटैशियम.
विटामिन - सी है सात गुना
नारंगी से, अधिक सुना.
विटामिन ए का अद्भुत स्त्रोत
गाजर से चौगुना अति होत.
लौह – तत्व पालक से अधिक
मुनगा कितना है पौष्टिक.
कार्बोहाइड्रेट , बी काम्पलेक्स
इसमें है सब का समावेश.
बीज से इरेक्टाइल डिस्फन्क्शन
की दवा बने, बढ़े यौवन.
दक्षिण अफ्रीका में कुपोषण
देख कहे विश्व-स्वास्थ्य संगठन
सहजन इन्हें खिलाया जाय
कुपोषण का यह सही उपाय.
मुनगे की चटनी और अचार
कई रोगों का है उपचार
बढ़ा विदेशों में व्यापार
करता है निर्यात “ बिहार “
दूषित जल पीकर मरते जन
इसका भी उपचार है सहजन
जल - शोधन की क्षमता इसमें
जन – जीवन की ममता इसमें.
हींग , सोंठ, अजवाइन के संग
जड़ का काढ़ा लाता है रंग
साइटिका से मुक्ति दिलाता
जोड़ों की पीड़ा को भगाता.
इसका गोंद चमत्कारी है
जोड़ों का पीड़ाहारी है
मुनगा एक वायुनाशक है
पोषक और लाभदायक है.
बड़े बुजुर्गों ने कुछ मानी
कुछ विज्ञान ने है पहचानी
यहाँ – वहाँ पढ़ – सुन कर जानी
बात जरूरी थी बतलानी.
मुनगे की महिमा क्या बतायें
शब्द बहुत कम हैं पड़ जायें.
कविता के गर सार में जायें
मुनगा सहजन को अपनायें.
अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर , दुर्ग ( छत्तीसगढ़ )
विजय नगर , जबलपुर ( मध्य प्रदेश )
arun.nigam56@gmail.com
फायदे भी, स्वाद भी ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति| धन्यवाद|
ReplyDeleteमेरे पति इस सब्जी को घर में लाते ही नहीं थे ,आपने अपनी रचना के माध्यम से उनकी आँखे खोल दी है ..धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत ख़ूब वाह!
ReplyDeleteमुनगा नाम पहली बार पता चला .. बहुत अच्छी जानकारी देती हुई रचना ..
ReplyDeleteचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ has left a new comment on your post "मुनगा / सहजन / ड्रम स्टिक":
ReplyDeleteबहुत ख़ूब वाह!
ओह!
ReplyDeleteइतनी सुन्दर और उपयोगी जानकारी
सहजन बन जायेगी सब की प्यारी
आपकी रचना है सुन्दर न्यारी
जो उपयोग करे उसके कष्ट निवारण हारी.
मेरे ब्लॉग पर भी शीघ्र आईयेगा जी.
हनुमान लीला पर भी कलम चलाइयेगा जी.
Great! Munga and your poem both are great!
ReplyDelete:-)
ReplyDeleteलाजवाब सर.....
मज़ा आ जाता है पढ़ कर...
अब अगली क्या....???
इन्तेज़ार में....
सादर..
बहुत सुंदर जानकारी भरी रचना,.अच्छी प्रस्तुती,.वाह!!!क्या बात है
ReplyDeleteक्रिसमस की बहुत२ शुभकामनाए.....
मेरे पोस्ट के लिए--"काव्यान्जलि"--बेटी और पेड़-- मे click करे
अरुण जी,...मेरी रचना को अगर आगे बढाया जा सकता है,..तो सहयोग दे,मुझे खुशी होगी,..इंतजार में,..... आभार
ReplyDeleteबहुत सुंदर और उपयोगी जानकारी...आभार
ReplyDeleteप्रयोजन को समर्पित सुंदर कविता
ReplyDeleteSHANDAR PRASTITI.
ReplyDeleteSADSYTA LE RAHI HON.AAPKA MERE BLOG PAR SVAGAT HAE.
वाह वाह अरुण जी ... बहुत ही मज़ा आ रहा है ... शायद इसको स्वन्जना भी कहा जाता है दिल्ली के आस पास ...
ReplyDeleteअरुण जी नव वर्ष की बहुत बहुत मंगल कामनाएं ...
ReplyDeletebahut sundar sanyojan Nigam sahab .... abhar ..ak prashan ..kya ap Aurvedik dactor bhi hain ?
ReplyDeleteइससे बढ़िया क्या तरकारी हो सकती है .सांभर का यह मान बढाए (पोषक मान ),खान पान की शान बढाए .निगम साहब हर बात सुनाएं ,हर सब्जी का राज बताएं .
ReplyDeleteavyurvedamrat yukt swathya vardhak rachna !! dhanyawad
ReplyDeletevery nice baho hi acchaa lagaa jankari bhi mili thanx
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