हरी-हरी पालक की भाजी
हर मौसम में मिलती ताजी.
कच्ची पालक लगती खारी
नमक की मात्रा होती भारी.
इसमें नमक जरा कम डालें
कुदरती नमक का लाभ उठालें.
विटामिन ए, बी, सी वाली
चेहरे पर लाती है लाली.
लौह कैल्शियम लवण भरे हैं
गुणकारी कई तत्व खरे हैं
प्रचुर मात्रा में है पानी
भैया पालक है वरदानी.
कील मुहासों को कम करती
त्वचा कांतिमय खूब निखरती.
इसे टमाटर के संग खायें
और शरीर में रक्त बढ़ायें.
कच्ची पालक भी हितकारी
पालक का रस है गुणकारी.
इसका रस है पोषणकर्ता
संक्रामक रोगों को हरता.
बालों को झड़ने से रोके
देह में शक्ति रखे संजोके.
पेट आँत की करे सफाई
पालक का रस है सुखदाई.
पालक की सब्जी मन भाये
स्वस्थ रखे और भूख बढ़ाये.
रुचिकर और शीघ्र पाचक है.
पालक सचमुच ही पालक है.
अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर , दुर्ग ( छत्तीसगढ़ )
विजय नगर , जबलपुर ( मध्य प्रदेश )
पालक की खूबियाँ खूब बतायीं .....
ReplyDeletebahut khoob
ReplyDeleteजंक फ़ूड वालों के लिए बढिया जानकारी !
ReplyDeleteआभार!
बहुत सुंदर...
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट में स्वागत है
बहुत खूब सर!
ReplyDeleteसादर
ज्ञानवर्धक कविता
ReplyDeleteसच है पालक में बहुत सारी खूबियाँ हैं..बहुत सुन्दर..
ReplyDeletebhaut khub...
ReplyDeletewaah ji kya baat hai.....bato hi baato me samjhana ho gaya....
ReplyDeleteयादें....ashok saluja . has left a new comment on your post "पालक................":
ReplyDeleteजंक फ़ूड वालों के लिए बढिया जानकारी !
आभार!
आज आपकी लेखनी ने पालक को भी धन्य कर दिया!
ReplyDeleteनिगम जी,..
ReplyDeleteभाई बहुत खूब लगता है कि सभी सब्जियों की जन्म कुंडली मालूम है,
आपकी रचना पढकर वाक्या याद आरहा है,..
हमारे यहाँ एक ठाकुर साहब है वे पूरे साल सिर्फ टमाटर की फसल पैदा
करते है,..हम सभी गाँव वालो ने उनका नाम -टमाटर सिंह-रख दिया है,..लगता है अगर आप इसी तरह लिखते रहेतो आपका नाम भी सोचना पडेगा .....बेहतरीन पोस्ट बहुत सुंदर ..
मेरे पोस्ट में पढे.......
आज चली कुछ ऐसी बातें, बातों पर हो जाएँ बातें
ममता मयी हैं माँ की बातें, शिक्षा देती गुरु की बातें
अच्छी और बुरी कुछ बातें, है गंभीर बहुत सी बातें
कभी कभी भरमाती बातें, है इतिहास बनाती बातें
युगों युगों तक चलती बातें, कुछ होतीं हैं ऎसी बातें
वाह अरुण जी क्या कहू क्या और्वैदाचार्य अरुण , पलक के गुण बताने केलिए कविताई बधाई
ReplyDeleteपालक के गुणगान करती कविता. यद्यपि यह सही है कि सुदर सन्देश लोगों के बीच जाए और एक जागरूकता आये उनमे.
ReplyDeleteबहुत सुंदर और सीधा संवाद स्थापित करती कविता.
बधाई.
जितनी तारीफ़ कि जाए इस गुणकारी खजाने की उतनी ही कम है .
ReplyDeleteलोहे के गुणों से मजबूत पालक ... हरी हरी पालक को शब्दों में स्वादिष्ट तरीके से उतारा है अरुण जी ... बधाई इस रचना के लिए ...
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