इस अवसर पर एक विशेष प्रस्तुति
अपने पसंदीदा कई संगीत कार है
नौशाद , दान सिंह, रवि, हेमंत
कुमार हैं.
खैय्याम ,ओ पी नैय्यर, शंकर औ जयकिशन
सी.
राम चंद पे हजारों जाँ - निसार
हैं.
कल्याण जी आनंद
जी , जयदेव, चित्रगुप्त
हुस्न लाल भगत राम के भी तलबगार
हैं.
बुलो सी . रानी, सचिन दा , एस.एन.त्रिपाठी
इनकी
धुनें तो अब
तलक सर पे सवार हैं.
बसंत देसाई, ऊषा खन्ना, लक्ष्मी और प्यारे
ये
भी तो वीणापाणि
की वीणा के
तार हैं.
ठेके
वो दत्ताराम के , पंचम की शोखियाँ
गुलाम
मोहम्मद की धुनें
खुशगवार हैं.
रविशंकर , मदन मोहन की बात निराली
सलिल चौधरी ने छेड़े, जवाँ दिल के तार हैं.
नाशाद,सोनिक ओमी, सी. अर्जुन, शिव-हरि
खेम चंद ‘प्रकाश’,रोशन, यहाँ सदाबहार हैं.
[ओबीओ के तरही मुशायरा में शामिल मेरी गज़ल
: कुछ परिवर्तन के साथ]
एक नजर इधर भी : सियानी गोठ http://mitanigoth2.blogspot.com
एक नजर इधर भी : सियानी गोठ http://mitanigoth2.blogspot.com
अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
विजय नगर ,जबलपुर (म.प्र.)
शुक्रवार के मंच पर, लाया प्रस्तुति खींच |
ReplyDeleteचर्चा करने के लिए, आजा आँखे मीच ||
स्वागत है-
charchamanch.blogspot.com
वाह !!!! क्या बात है निगम जी,...
ReplyDeleteलाजबाब प्रस्तुति,..
MY RECENT POST.....काव्यान्जलि.....:ऐसे रात गुजारी हमने.....
वाह:क्या लाजबाब प्रस्तुति,..
Deleteसुन्दर..
वाह ...कोई विषय आपसे अछूता है क्या ?
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteवाकई ! विशेष प्रस्तुति ही है जो अच्छी लगी...
ReplyDeleteghazab ki abhivyakti...
ReplyDeleteshayad hi koi aur bacha ho ?
ReplyDeleteवाह, बहुत उम्दा प्रस्तुति
ReplyDeleteकमाल की प्रस्तुति....
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
वाह वाह ... अरुण जी पता नहीं किस किस की याएं ताज़ा कर दी आपने ... मज़ा अ गया पढ़ के ...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति न पढ़ते तो गम रह जाता .नौशाद और नाशाद दो संस्करण क्यों नौशाद साहब के.क्या कोई ना -शाद भी हैं ? .. ....कृपया यहाँ भी पधारें -http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/05/blog-post_7883.html./http://veerubhai1947.blogspot.in/
ReplyDeleteशनिवार, 5 मई 2012
चिकित्सा में विकल्प की आधारभूत आवश्यकता : भाग - १
स्कूल में चरस और गांजा ,भुगतोगे भाई, खामियाजा
क्या बात है इसे हि कहते हैं जहाँ ना पहुंचे रवि
ReplyDeleteवहाँ पहुंचे कवि