(चित्र गूगल से साभार)
रचना - श्रीमती सपना निगम
यही धर्म है मोक्ष पथगामीमध्यम मार्ग सरल
पाँच अनुशीलन हैं इसके
मानव पालन कर.
सत्कर्मों की पूँजी बना ले
प्रेम-भाव अविरल
कर्मों को अपना धर्म समझ ले
करना किसी से न छल.
प्राणीमात्र पर दया करना तू
जो हैं दीन-निर्बल
बुद्ध ने जो सन्देश दिया है
उस पर करना अमल.
राग-रंग नहीं करना तुझको
संयम है तेरा बल
मानव जीवन तुझे मिला है
रखना इसे निर्मल.
त्रिपिटक ग्रंथों में समाये
जीवन सार सकल
प्रज्ञा शील करुणा अपना ले
मोक्ष की कामना कर.
स्वर्ग-नर्क सब किसने देखा ?
किसने देखा कल ?
परम-धाम जाना है तुझको
बुद्ध की राह पर चल.
बुद्धं शरणम गच्छामि
धम्मं शरणम गच्छामि
संघम शरणम गच्छामि
पंचशील के अनुगामी.
बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनायें
-श्रीमती सपना निगम
आदित्य नगर,दुर्ग
(छत्तीसगढ़)
वाह |
ReplyDeleteबढ़िया बुद्ध चर्चा -
और सीख |
बधाई भाई जी ||
धनबाद आ रहे हैं क्या|
बेटे के साथ-
शुभकामनायें ||
बहुत सुंदर सार्थक सीख देती बेहतरीन रचना //निगम जी,..बधाई //
ReplyDeleteMY RECENT POST .....फुहार....: प्रिया तुम चली आना.....
बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनायें .... बहुत सुंदर रचना ...
ReplyDeleteस्वर्ग-नर्क सब किसने देखा ?
ReplyDeleteकिसने देखा कल ?
परम-धाम जाना है तुझको
बुद्ध की राह पर चल.
सुन्दर काव्य रूप .आज बैशाख पर्व है बुद्ध का जन्म दिवस .मेरा भी है कार्ल मार्क्स का भी आज ही है ... ....कृपया यहाँ भी पधारें -http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/05/blog-post_7883.html./http://veerubhai1947.blogspot.in/
शनिवार, 5 मई 2012
चिकित्सा में विकल्प की आधारभूत आवश्यकता : भाग - १
स्कूल में चरस और गांजा ,भुगतोगे भाई, खामियाजा
वीरु भाई , आपको जन्म-दिन की हार्दिक शुभकामनायें.
Deleteक्या बात है!!
ReplyDeleteआपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 07-05-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-872 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ
आज 06/05/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
भूल सुधार ---
ReplyDeleteकल 07/05/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
बहुत सुंदर रचना .......बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनायें
ReplyDeleteत्रिपिटक ग्रंथों में समाये
ReplyDeleteजीवन सार सकल
प्रज्ञा शील करुणा अपना ले
मोक्ष की कामना कर. गहरी अभिव्यक्ति गहरी सोच
बुद्धं शरणम गच्छामि
ReplyDeleteधम्मं शरणम गच्छामि
संघम शरणम गच्छामि
पंचशील के अनुगामी...
very inspiring..
.
बुद्धं शरणम गच्छामि
ReplyDeleteधम्मं शरणम गच्छामि
संघम शरणम गच्छामि
जीवन मार्ग बताती सुंदर कविता।
बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं।
आह ! अति सुन्दर रचना....बुद्धं शरणम गच्छामि
ReplyDeleteवाह...........
ReplyDeleteबहुत सुंदर...
अनंत शुभकामनाएँ.
सादर.
बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनायें .... बहुत सुंदर रचना ...
ReplyDeleteबुद्धं शरणं गच्छामि ...
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभकामनायें इस लाजवाब रचना पे ...
वाह खूबसूरत सन्देश देती सुन्दर रचना |
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना ...
ReplyDeleteबुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनायें
स्वर्ग-नर्क सब किसने देखा ?
ReplyDeleteकिसने देखा कल ?
परम-धाम जाना है तुझको
बुद्ध की राह पर चल.
सुंदर गीत सुंदर सन्देश के साथ. सपना जी को बधाई.
बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनायें आपको भी...!
ReplyDelete.
ReplyDeleteबहुत सुंदर गीत !
नमन आपके भावों और लेखनी को !