(चित्र गूगल से साभार)
ऐश इनकम पे मेरी शामोसहर करती है
बैंक बैलेंस को पल भर में सिफर करती है ||
मैंने बाइक भी नहीं बदली कई सालों से
वो हमेशा यूँ ही ए सी में सफर करती है ||
भाँप के उसके इरादे मैं काँप जाता हूँ
जब मेरी ओर कभी तिरछी नज़र करती है ||
जानती है कि ये है मोम , पिघल जाएगा
झील-सी आँख तुरत अश्क़ से तर करती है ||
मेरी हिंदी तो जुबां से न निकल पाती है
जब भी अंग्रेजी में वो चटर-पटर करती है ||
शौक है खर्च का दौलत भी लुटाती है बहुत
खूब लड़ती है मुझे प्यार मगर करती है ||
अरुण कुमार निगम
आदित्यनगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
शम्भूश्री अपार्टमेंट, विजय नगर, जबलपुर
(मध्यप्रदेश)
'खूब लड़ती है मुझे प्यार मगर करती है ||'
ReplyDelete-
फिर भी इतनी शिकायतें ,सारे काम तो करती है !
:):) सपना जी कहाँ हैं आज कल ? खूब खबर लेंगी आपकी ।
ReplyDeleteशौक है खर्च का दौलत भी लुटाती है बहुत
ReplyDeleteखूब लड़ती है मुझे प्यार मगर करती है ||,,,बहुत बढ़िया ,,, लेकिन अब आपकी खैर नही,,,
खूब लड़ती है मुझे प्यार मगर करती है ||'
ReplyDelete-
फिर भी इतनी शिकायतें ,सारे काम तो करती है !..बहुत बढ़िया..
bahut khub sab kuch bhi karti hai aur phir bhi pyaar bhi kya baat hai sir
ReplyDeleteआखिर कब तक अपनी बेटी को निर्भया और बेटे को सरबजीत बनाना होगा ?
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार(4-5-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
ReplyDeleteसूचनार्थ!
बहुत सुंदर ...
ReplyDeleteबहुत उम्दा, बेहतरीन गजल ,,
ReplyDeleteRECENT POST: दीदार होता है,
ReplyDeleteजानती है कि ये है मोम , पिघल जाएगा
झील-सी आँख तुरत अश्क़ से तर करती है |
बहुत सुंदर
बधाई
बहुत मजा आया इस रचना को पढ़ कर |कहीं यह आपबीती तो नहीं |
ReplyDeleteआशा
शौक है खर्च का दौलत भी लुटाती है बहुत
ReplyDeleteखूब लड़ती है मुझे प्यार मगर करती है ..बहुत खूब
पेश करने का आपका अंदाज बहुत बढिया है...