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Tuesday, May 28, 2013

चाँद कैसा है........


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         (चित्र गूगल से साभार)

मुझसे मत पूछिये कि क्या लाया
पालकी   प्यार  की  सजा  लाया |

जागता   है   मेरी   तरह  अब वो
नींद   आँखों  से  ही  चुरा  लाया |

उसने   पूछा   कि   चाँद कैसा है
आइना   बस   उसे   दिखा लाया |

स्वर्ग   होता   कहाँ  , बताना था
गाँव   अपना   उसे   घुमा  लाया |

गम   नहीं   है   हमें   जुदाई  का
फिर   मिलेंगे  अगर  खुदा लाया |

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
शम्भूश्री अपार्टमेंट ,विजय नगर, जबलपुर (मध्य प्रदेश)

(ओपन बुक्स ऑन लाइन तरही मुशायरा में सम्मिलित गज़ल)
 

16 comments:

  1. स्वर्ग होता कहाँ , बताना था
    गाँव अपना उसे घुमा लाया|

    बहुत ही सुन्दर और सार्थक संदेश देती उत्कृष्ट गज़ल की प्रस्तुति,आभार.

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  2. बहुत सुन्दर रचना.....

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  3. जागता है मेरी तरह अब वो
    नींद आँखों से ही चुरा लाया ..

    गज़ब का शेर .. सभी पर भारी ...
    लाजवाब गज़ल .. सुभान अल्ला ... वाह वाह ....

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  4. उसने पूछा कि चाँद कैसा है
    आइना बस उसे दिखा लाया |
    ..बहुत सुन्दर ...

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  5. स्वर्ग होता कहाँ , बताना था
    गाँव अपना उसे घुमा लाया |

    बहुत ही बढ़िया.....

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  6. खुबसूरत अहसास ......

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  7. बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल...

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  8. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (29-05-2013) के सभी के अपने अपने रंग रूमानियत के संग ......! चर्चा मंच अंक-1259 पर भी होगी!
    सादर...!

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  9. स्वर्ग होता कहाँ , बताना था
    गाँव अपना उसे घुमा लाया |

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  10. वाह वाह क्या बात है !!! बहुत उम्दा,लाजबाब प्रस्तुति,,

    Recent post: ओ प्यारी लली,

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  11. गम नहीं है हमें जुदाई का
    फिर मिलेंगे अगर खुदा लाया ,,,,,,वाह क्या बात है !!!

    बहुत उम्दा,लाजबाब प्रस्तुति,,

    Recent post: ओ प्यारी लली,

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  12. उसने पूछा कि चाँद कैसा है
    आइना बस उसे दिखा लाया |


    बहुत खूबसूरत ....

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  13. उसने पूछा कि चाँद कैसा है
    आइना बस उसे दिखा लाया |

    सारे अशआर खूबसूरत हैं....

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  14. स्वर्ग....
    होता है कहाँ.....,
    बताना था उसे
    मैं गाँव अपना...
    उसे घुमा लाया.....
    (तोड़-फोड़ के लिये क्षमा)

    बड़ी प्यारी ग़ज़ल.....

    सादर

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