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(चित्र गूगल से साभार)
मुझसे मत पूछिये कि क्या लाया
पालकी प्यार की सजा लाया |
पालकी प्यार की सजा लाया |
जागता है मेरी तरह अब वो
नींद आँखों से ही चुरा लाया |
उसने पूछा कि चाँद कैसा है
आइना बस उसे दिखा लाया |
आइना बस उसे दिखा लाया |
स्वर्ग होता कहाँ , बताना था
गाँव अपना उसे घुमा लाया |
गम नहीं है हमें जुदाई का
फिर मिलेंगे अगर खुदा लाया |
अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
शम्भूश्री अपार्टमेंट ,विजय नगर, जबलपुर (मध्य प्रदेश)
(ओपन बुक्स ऑन लाइन तरही मुशायरा में सम्मिलित गज़ल)
स्वर्ग होता कहाँ , बताना था
ReplyDeleteगाँव अपना उसे घुमा लाया|
बहुत ही सुन्दर और सार्थक संदेश देती उत्कृष्ट गज़ल की प्रस्तुति,आभार.
बहुत सुन्दर रचना.....
ReplyDeleteजागता है मेरी तरह अब वो
ReplyDeleteनींद आँखों से ही चुरा लाया ..
गज़ब का शेर .. सभी पर भारी ...
लाजवाब गज़ल .. सुभान अल्ला ... वाह वाह ....
उसने पूछा कि चाँद कैसा है
ReplyDeleteआइना बस उसे दिखा लाया |
..बहुत सुन्दर ...
स्वर्ग होता कहाँ , बताना था
ReplyDeleteगाँव अपना उसे घुमा लाया |
बहुत ही बढ़िया.....
खुबसूरत अहसास ......
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल...
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (29-05-2013) के सभी के अपने अपने रंग रूमानियत के संग ......! चर्चा मंच अंक-1259 पर भी होगी!
ReplyDeleteसादर...!
स्वर्ग होता कहाँ , बताना था
ReplyDeleteगाँव अपना उसे घुमा लाया |
very touching ....
ReplyDeleteवाह वाह क्या बात है !!! बहुत उम्दा,लाजबाब प्रस्तुति,,
ReplyDeleteRecent post: ओ प्यारी लली,
गम नहीं है हमें जुदाई का
ReplyDeleteफिर मिलेंगे अगर खुदा लाया ,,,,,,वाह क्या बात है !!!
बहुत उम्दा,लाजबाब प्रस्तुति,,
Recent post: ओ प्यारी लली,
उसने पूछा कि चाँद कैसा है
ReplyDeleteआइना बस उसे दिखा लाया |
बहुत खूबसूरत ....
उसने पूछा कि चाँद कैसा है
ReplyDeleteआइना बस उसे दिखा लाया |
सारे अशआर खूबसूरत हैं....
स्वर्ग....
ReplyDeleteहोता है कहाँ.....,
बताना था उसे
मैं गाँव अपना...
उसे घुमा लाया.....
(तोड़-फोड़ के लिये क्षमा)
बड़ी प्यारी ग़ज़ल.....
सादर
उम्दा..
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