आजकल ये हमको
संशय हो गया
कैंसर नहीं तो शायद , क्षय हो गया.
फूलों से चोट हाये ! जब से लगी हमें
काँटों की राह चलना ही तय हो गया.
जब से बताया उनको , हैरान से खड़े
कि वेदना और मुझमें प्रणय हो गया.
अपने सभी यहाँ पे खाने को आमादा
यूँ लग रहा है मानो प्रलय
हो गया.
पशुओं में ढूँढता
हूँ मैं इन दिनों दया
ये आदमी भी कितना निर्दय हो गया.
खुशियाँ मनाइयेगा,अब धूमधाम से
पीड़ा से आज अपना परिणय हो गया.
हँसना ही पड़ रहा है , बात - बात पर
जीवन हमारा यारों अभिनय हो गया.
अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
विजय नगर, जबलपुर (म.प्र.)