"लोकल"
लोकल में है दम बहुत, लोकल के कम दाम
दे हाथों को काम यह, आता भी है काम।
आता भी है काम, सम्हालता अर्थ-व्यवस्था
है लोकल की आज, बड़ी दयनीय अवस्था।
चलो विदेशी जिन्न, भरें फिर से बोतल में
मानें मेरी बात, बहुत दम है लोकल में।।
- अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
सुन्दर कुण्डलिया।
ReplyDeleteधन्यवाद
ReplyDelete