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Thursday, December 6, 2012

अक्स दिखाता आइना


कुण्डलिया :

अक्स दिखाता आइना , देता मन को ठेस
भ्रम के मायाजाल में, मिलते कष्ट कलेस

मिलते कष्ट कलेस,दुखों पर सुख के परदे
सुंदरता  का  मोह  नयन को अंधा कर दे

भटकाता  है  राह  , हमेशा रक्स दिखाता
देता मन को ठेस ,आइना अक्स दिखाता ||


अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
विजय नगर, जबलपुर (म.प्र.)


13 comments:

  1. खूबसूरत उम्दा प्रस्तुति
    अरुन शर्मा
    www.arunsblog.in

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  2. वाह
    बहुत बढ़िया बात....
    सादर
    अनु

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  3. भ्रम का माया जाल तोड़ना पड़ता है ..... बहुत सुंदर ।

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  4. मन का आईना हमेशा सच बोलता है...बहुत सुंदर रचना...

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  5. भाव से परिपूर्ण कुंडली,,बधाई अरुण जी,,,

    अक्स दिखता आइना,जैसा अपना फेस
    सच्चाई सदा बताता,चाहे पहुचे ठेश,,,,,

    recent post: बात न करो,

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  6. आपके द्वारा लिखी हर पंक्तियाँ

    सुन्दर एवं भावपूर्ण सही शब्द संयोजन के साथ ...

    अरुण भैया को बहुत बहुत बधाई

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  7. बहुत सुंदर दोहे..

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  8. sundar aur sarahniy dohe bhavo se paripurn

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  9. बहुत बढ़िया कुण्डलिया अरुण जी बधाई आपको

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  10. सुंदर अभिव्यक्ति..

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  11. आइना तो सच दिखाता है ... शायद हम ही कुछ ओर देखना चाहते हैं ...

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  12. देता मन को ठेस ,आइना अक्स दिखाता !
    ......बढ़िया बात अरुण जी बधाई

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