-श्रीमती सपना निगम की रचना
( चित्र गूगल से साभार )
19 नवम्बर 1917
शीतकाल थी रात उजियारी
इस दिन जन्म हुआ था आपका
गूंजी थी पहली किलकारी
माता कमला नेहरु , आपके
पिता जवाहरलाल
बेटी बनकर जनम लिया
दुनिया में किया उजाल
इलाहाबाद में बचपन बीता
प्राथमिक शिक्षा रही घर में
कॉलेज की पढाई विलायत में की
ऑक्सफोर्ड - लन्दन शहर में
सन 42 में विवाह हुआ था
2 बेटो की बनी माता
पर नियति को मंजूर नहीं था
घर-गृहस्थी से आपका नाता
पिता की प्रेरणा और प्रभाव से
राजनीति मिली विरासत में
सूचना प्रसारण मंत्री बनी थी
शास्त्री जी की हकूमत में
प्रधानमंत्री का पद मिला
सन 66 में पहली बार
कुशल प्रशासन किया आपने
दुश्मन को किया लाचार
मैत्री निभाई साम्यवाद से
पूंजीवाद से किया था किनारा
जन-जन के दिल पे राज किया
गरीबी हटाओ का दिया था नारा
नारी की तुम बनी प्रेरणा
देश का मान बढाया था
सारी दुनिया देखती रह गयी
तिरंगा जब फ़हराया था
चिर परिचित मुस्कान आपकी
महक उठी-वसुंधरा
इन्द्रलोक से आई थी जैसे
प्रियदर्शिनी-इंदिरा .......!!!
-श्रीमती सपना निगम
आदित्य नगर दुर्ग , छत्तीसगढ़
अरुण कुमार जी.
ReplyDeleteइन्द्रा जी का मै जबरदस्त फैन हूँ
आपकी रचना पढकर याद आ गई
इंदिरा जी को समर्पित यह ऱचना उनके पूरे जीवन वृत्त को बहुत सादगी के साथ समेटती है।
ReplyDeleteसादर नमन!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ... इन पर लिखी एक रचना यहाँ भी देखिये
ReplyDelete..इंदिरा प्रियदर्शनी ..
waah...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना अरुण भाई....
ReplyDeleteक्या संयोग है १९ नवंबर
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का भी जन्म दिन है...
सादर...
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दरता से आपने इंदिरा जी की पूरी जीवन रचना के माध्यम से लिखा है जो प्रशंग्सनीय है!
ReplyDeleteमेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com
सुन्दर रचना |
ReplyDeleteइंदिरा जी अनुपमेय हैं..
ReplyDelete.बहुत प्यारी रचना..