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Thursday, July 22, 2021

ग़ज़ल : देखो तो !!

 देखो तो !!!!!!!!!


आकाओं ने दिया निमंत्रण, बिना विचारे; देखो तो !

पूँजीवादी परम्परा ने, पैर पसारे; देखो तो !


किंकर्तव्यविमूढ़ खड़ी हो, जनता गजट-बजट पलटे

पूँजीपतियों की चाँदी है, साँझ-सकारे; देखो तो !


गैस रसोई की तन-तन कर, गृहिणी को ताने मारे

डीजल औ' पेट्रोल दिखाते, दिन में तारे; देखो तो !


निजी अस्पतालों के मालिक, दोहरे होकर बैठे हैं

दया-हीन इन संस्थाओं के, वारे-न्यारे; देखो तो !


जिनके सीने में पत्थर हैं, उनसे कैसे कहे "अरुण"

निर्धन की आँखों से बहते, आँसू खारे; देखो तो!


रचनाकार - अरुण कुमार निगम

आदित्य नगर दुर्ग, छत्तीसगढ़

13 comments:

  1. समसामयिक बेहतरीन ग़ज़ल ।

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  2. आपकी लिखी रचना सोमवार 26 जुलाई 2021 को साझा की गई है ,
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    संगीता स्वरूप

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  3. निजी अस्पतालों के मालिक,
    दोहरे होकर बैठे हैं
    दया-हीन इन संस्थाओं के,
    वारे-न्यारे; देखो तो !
    व्वाहहहहह..
    बेहतरीन तंज
    सादर..

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  4. वाह। बहुत ख़ूब। आईना दिखाते सृजन के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई।

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  5. अहा, बड़ी सरल पर धारदार।

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  6. गैस रसोई की तन-तन कर, गृहिणी को ताने मारे

    डीजल औ' पेट्रोल दिखाते, दिन में तारे; देखो तो ! बस देख ही रहे हैं कर तो कुछ सकते नहीं ं
    बहुत ही सुन्दर समसामयिक लाजवाब गजल।

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  7. जिनके सीने में पत्थर हैं, उनसे कैसे कहे "अरुण"

    निर्धन की आँखों से बहते, आँसू खारे; देखो तो!---इस वर्ग को कौन देखता है और कभी भी किसी ने कहां देखा है, यह वर्ग तो केवल मतदान के समय याद आता है। बहुत ही कटाक्षपूर्ण रचना लेकिन गहरा सच बयां करती हुई।

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  8. व्यवस्था का बदहाल हाल
    आदमी मुँह नोचें कि बाल?
    ---
    बेहतरीन गज़ल सर
    प्रणाम
    सादर।

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  9. किंकर्तव्यविमूढ़ खड़ी हो, जनता गजट-बजट पलटे

    पूँजीपतियों की चाँदी है, साँझ-सकारे; देखो तो !
    बहुत खूब

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  10. समसामायिक विषयों पर बहुत खूब ग़ज़ल।

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  11. उम्दा नज़्म ।

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  12. बहुत खूब, तगड़ा तंज

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  13. आकाओं ने दिया निमंत्रण, बिना विचारे; देखो तो !
    पूँजीवादी परम्परा ने, पैर पसारे; देखो तो !//

    किंकर्तव्यविमूढ़ खड़ी हो, जनता गजट-बजट पलटे///
    पूँजीपतियों की चाँदी है, साँझ-सकारे; देखो तो ////
    बहुत बढिया अरुण जी | समसामयिक मुद्दों की सराहनीय अभिव्यक्ति !!!!!!

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