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Tuesday, April 15, 2014

चैत की चंदनिया

                 
चादर सी ,चूनर सी-       चैत की चंदनिया
झांझर सी,झूमर सी -   चैत की चंदनिया

महुआ की मधुता सीमनभाती-मदमाती
छिटके गुलमोहर सी -    चैत की चंदनिया

अनपढ़ - अनाड़ी सी   ,सल्फी सी-ताड़ी-सी
मादक-सी,मनहर सी -   चैत की चंदनिया

अधपक्की इमली सी  ,खटमिट्ठी -खटमिट्ठी
सरसों सी,सुन्दर सी -     चैत की चंदनिया

मनभाये  बैरी सी ,      अमुआ की कैरी सी
टेसू सी ,सेमर सी -    चैत की चंदनिया

कोयल की कुहु-कुहु सी ,पपीहे की पीहु-पीहु सी
उड़ते कबूतर सी -          चैत की चंदनिया

सतरंगी सपनों सी,      दूर बसे अपनो सी
प्रिय की धरोहर सी -    चैत की चंदनिया

मंगतू की मेहनत सी,    चैतू की चाहत सी
गेहूँ  सी,अरहर सी -      चैत की चंदनिया

हल्बी सी,गोंड़ी सी,   छत्तीसगढ़ी बोली सी
भोले से बस्तर सी -   चैत की चंदनिया

ज्योति की शक्ति सी,भक्तों की भक्ति सी
माता के मंदिर सी -  चैत की चंदनिया


अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)


9 comments:

  1. -सुंदर रचना...
    आपने लिखा....
    मैंने भी पढ़ा...
    हमारा प्रयास हैं कि इसे सभी पढ़ें...
    इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना...
    दिनांक 17/04/ 2014 की
    नयी पुरानी हलचल [हिंदी ब्लौग का एकमंच] पर कुछ पंखतियों के साथ लिंक की जा रही है...
    आप भी आना...औरों को बतलाना...हलचल में और भी बहुत कुछ है...
    हलचल में सभी का स्वागत है...

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (16-04-2014) को गिरिडीह लोकसभा में रविकर पीठासीन पदाधिकारी-चर्चा मंच 1584 में "अद्यतन लिंक" पर भी है।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. चैत की चाँदनी अपनी सारी भंगिमाओं में छिटका रही है - कवि की लेखनी का कमाल !

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  4. वाह, बहुत खूब, रंग अपनी पूर्णता में दिखें इस बार।

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  5. भावपूर्ण प्रस्तुति |

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  6. चैत कि चंदनिया का पूरा रँग बिखेर दिया आपने इस शब्दों में ...
    लाजवाब अरुण जी ... बहुत खूब ...

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  7. छत्तीसगढ़िया डोली मा गेहूं चन्ना और चाउर अब कहाँ, कटोरा हर चाहा के चम्मच होगे हे, खेतिहार महुआ बेचत है, और बाबा महुए का रस.....

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  8. ज्योति की शक्ति सी,भक्तों की भक्ति सी
    माता के मंदिर सी - चैत की चंदनिया....
    बहुत उम्दा मनभावन प्रस्तुति ...!
    RECENT POST - आज चली कुछ ऐसी बातें.

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  9. चैत कि चंदनिया का कहना..बहुत सुन्दर

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