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Thursday, September 19, 2024

कुण्डलिया छन्द

चंदा में रोटी....


रोटी में चन्दा दिखे, श्वेत घटा में खीर।

नहीं सता सकती हमें, किसी तरह की पीर।।

किसी तरह की पीर, नहीं हम पाला करते।


जैसे हों हालात, स्वयं को ढाला करते।।


इच्छाओं को पाल, कहो तुम किस्मत खोटी।


हम तो हैं खुशहाल, देख चन्दा में रोटी।।


अरुण कुमार निगम

दुर्ग

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