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Friday, August 9, 2019

किस काम की तरक्की

221 2122 221 2122

होगा किसान भूखा किस काम की तरक्की
कागज के आँकड़ों में बस नाम की तरक्की।

खलिहान की फसल को तो ले गया महाजन
इस साल फिर हुई है गोदाम की तरक्की।

शहरों पे ध्यान सबका पनपे महानगर नित
हरदम रही उपेक्षित हर ग्राम की तरक्की।

नित भाषणों की खातिर पंडाल मंच सजते
देखी नहीं अभी तक ख़य्याम की तरक्की।

है नेट का जमाना चिट्ठी "अरुण" नदारद
चैटिंग ने खूब कर दी पैगाम की तरक्की।।

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर दुर्ग छत्तीसगढ़

7 comments:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 09/08/2019 की बुलेटिन, "काकोरी कांड के सभी जांबाज क्रांतिकारियों को नमन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. जी नमस्ते,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (11-08-2019) को " मुझको ही ढूँढा करोगे " (चर्चा अंक- 3424) पर भी होगी।


    --

    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।

    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है

    ….

    अनीता सैनी

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  3. सुधार होते लग रहे हैं, तेजी की आवश्यकता जरूर है

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  4. सभी शेर कुछ कहते ।
    उम्दा/बेहतरीन।

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  5. बहुत ही लाजवाब गजल...।

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  6. लाजवाब गजल अरुण जी ...

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