अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ)
Thursday, September 19, 2024

कुण्डलिया छन्द

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चंदा में रोटी.... रोटी में चन्दा दिखे, श्वेत घटा में खीर। नहीं सता सकती हमें, किसी तरह की पीर।। किसी तरह की पीर, नहीं हम पाला करते। जैसे हों...
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Friday, February 2, 2024

फरवरी

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 "वासंती फरवरी" कम-उम्र बदन से छरहरी लाई वसंत फिर फरवरी। शायर कवियों का दिल लेकर शब्दों का मलयानिल लेकर गाती है करमा ब्याह-गीत पंथ...
Monday, November 6, 2023

"सूरत पानीदार रखो जी"

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  "सूरत पानीदार रखो जी" तोहफों की भरमार रखो जी भाषण लच्छेदार रखो जी लॉलीपॉप-रेवड़ी जैसे आकर्षक उपहार रखो जी जनता चाहे रोये-कलपे खुश...
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Thursday, August 17, 2023

एक ग़ज़ल

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 एक ग़ज़ल : सदन को यूँ सँभाला जा रहा है  हर इक मुद्दे को टाला जा रहा है रक़ीबों ने किया है जुर्म फिर भी हमारा नाम उछाला जा रहा है बचेगा किस तरह...
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Monday, January 23, 2023

"स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ी सुराजी काव्य और साहित्य का योगदान"

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  "स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ी सुराजी काव्य और साहित्य का योगदान" अंग्रेजों ने व्यापार करने के बहाने भारत की पुण्य धरा पर कदम ...
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