tag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post8538463951425690980..comments2024-02-18T13:50:22.657+05:30Comments on अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ): गीतअरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)http://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comBlogger39125tag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-29049890119779797722012-11-23T16:45:50.618+05:302012-11-23T16:45:50.618+05:30अंधकार से संघर्ष करने वाले दीए सदैव आलोक बिखेरते र...अंधकार से संघर्ष करने वाले दीए सदैव आलोक बिखेरते रहें।<br />देवोत्थानी एकादशी और कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाएं।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-15053703466125583022012-11-17T06:32:42.476+05:302012-11-17T06:32:42.476+05:30सार्थक चिंता सार्थक चिंता Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-78985574347459232262012-11-16T22:39:42.320+05:302012-11-16T22:39:42.320+05:30बहुत सुन्दर भाव और उद्गारबहुत सुन्दर भाव और उद्गारगिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-37558168992800707772012-11-15T23:59:14.188+05:302012-11-15T23:59:14.188+05:30बहुत ही सुन्दर शब्दों को संजो के,
पंक्तियों में स...बहुत ही सुन्दर शब्दों को संजो के,<br /><br />पंक्तियों में सजा के आज के युग में दया-बाती <br /><br />की दयनीय दशा का वर्णन ..... टिपण्णी के लये <br /><br />शब्द ढूंढना हमारे लिए भारी ....आभार!<br /><br />दीपावली की बीलेटेड बधाई स्वीकार हो <br /><br />वैसे पञ्च दिवसीय दिवाली का अंतिम दिवस <br /><br />भी है आज ......<br /><br /> <br /><br />सूर्यकान्त गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/05578755806551691839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-6140048000120233282012-11-15T21:05:12.450+05:302012-11-15T21:05:12.450+05:30शुभकामनाएँ शुभकामनाएँ Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-47746305054468792522012-11-15T17:34:53.529+05:302012-11-15T17:34:53.529+05:30बहुत अच्छी रचना.....
नीचे लिंक पर आए और सूचना पढ़े...बहुत अच्छी रचना.....<br />नीचे लिंक पर आए और सूचना पढ़ें.....<br />http://veenakesur.blogspot.in/वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-48695653224373363092012-11-15T14:38:44.984+05:302012-11-15T14:38:44.984+05:30भावपूर्ण रचना निगम जी ... धन्यवाद भावपूर्ण रचना निगम जी ... धन्यवाद shalini rastogihttps://www.blogger.com/profile/07268565664101777300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-35204322719910953752012-11-15T11:04:05.265+05:302012-11-15T11:04:05.265+05:30बहुत सराहनीय प्रस्तुति.
बहुत सुंदर बात कही है इन प...बहुत सराहनीय प्रस्तुति.<br />बहुत सुंदर बात कही है इन पंक्तियों में. दिल को छू गयी. आभार !<br />बेह्तरीन अभिव्यक्ति .बहुत अद्भुत अहसास.सुन्दर प्रस्तुति.<br />दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये आपको और आपके समस्त पारिवारिक जनो को !<br /><br />मंगलमय हो आपको दीपो का त्यौहार<br />जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार<br />ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार<br />लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार..Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-7817868659702097122012-11-15T10:59:36.951+05:302012-11-15T10:59:36.951+05:30बहुत अच्छा लगा -जैसे झड़ी लग गई हो एक के बाद एक सर...बहुत अच्छा लगा -जैसे झड़ी लग गई हो एक के बाद एक सरस रचनाओं की!प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-78009213456129420352012-11-15T10:39:46.564+05:302012-11-15T10:39:46.564+05:30आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार ...आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 08 - 11 -2012 को यहाँ भी है <br /><br /><a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/" rel="nofollow"> .... आज की नयी पुरानी हलचल में ....<br /> कुछ पटाखे , कुछ फुलझड़ियाँ और कुछ उदास चुप्पियाँ.. .</a><br />संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-12274195879073925592012-11-14T17:57:53.890+05:302012-11-14T17:57:53.890+05:30 एक लगाता दांव पर, नव रईस अवतार ।
रोज दिवाली ले मन... एक लगाता दांव पर, नव रईस अवतार ।<br />रोज दिवाली ले मना, करके गुने हजार ।।<br /><br /><br /><br />लगा टके पर टकटकी, लूँ चमचे में तेल ।<br />माड़-भात में दूँ चुवा, करती जीभ कुलेल ।<br />करती जीभ कुलेल, वहाँ चमचे का पावर ।<br />मिले टके में कुँआ, खनिज मोबाइल टावर ।<br />दीवाली में सजा, सितारे दे बंगले पर ।<br />भोगे रविकर सजा, लगी टकटकी टके पर ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-74538835467181932632012-11-14T17:55:46.234+05:302012-11-14T17:55:46.234+05:30मीत समीप दिखाय रहे कुछ दूर खड़े समझावत हैं ।
बूझ स...मीत समीप दिखाय रहे कुछ दूर खड़े समझावत हैं ।<br />बूझ सकूँ नहिं सैन सखे तब हाथ गहे लइ जावत हैं ।<br />जाग रहे कुल रात सबै, हठ चौसर में फंसवावत हैं ।<br />हार गया घरबार सभी, फिर भी शठ मीत कहावत हैं ।।<br /><br /><br /><br /> डोरे डाले आज फिर, किन्तु जुआरी जात ।<br />गृह लक्ष्मी करती जतन, पर खाती नित मात ।<br />पर खाती नित मात, पूजती लक्षि-गणेशा ।<br />पांच मिनट की बोल, निकलता दुष्ट हमेशा ।<br /> खेले सारी रात, लौटता बुद्धू भोरे ।<br /> जेब तंग, तन ढील, आँख में रक्तिम डोरे ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-10072298935157225492012-11-14T17:54:21.798+05:302012-11-14T17:54:21.798+05:30दे कुटीर उद्योग फिर, ग्रामीणों को काम ।
चाक चकाचक ...दे कुटीर उद्योग फिर, ग्रामीणों को काम ।<br />चाक चकाचक चटुक चल, स्वालंबन पैगाम ।।<br /><br />हर्षित होता अत्यधिक, कुटिया में जब दीप ।<br />विषम परिस्थिति में पढ़े, बच्चे बैठ समीप ।।<br /><br />माटी की इस देह से, खाटी खुश्बू पाय ।<br />तन मन दिल चैतन्य हो, प्राकृत जग हरषाय ।।<br /><br />बाता-बाती मनुज की, बाँट-बूँट में व्यस्त ।<br />बाती बँटते नहिं दिखे, अपने में ही मस्त ।।<br /><br />अँधियारा अतिशय बढ़े , मन में नहीं उजास ।<br />भीड़-भाड़ से भगे तब, गाँव करे परिहास ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-83883057158140420412012-11-14T15:01:10.375+05:302012-11-14T15:01:10.375+05:30बहुत बढ़िया प्रस्तुति
दीपावली की हार्दिक शुभकामना...बहुत बढ़िया प्रस्तुति <br />दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओं सहित ..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-78941955921747970532012-11-14T14:39:18.143+05:302012-11-14T14:39:18.143+05:30दीपाली की हार्दिक सुभकामनाएँ दीपाली की हार्दिक सुभकामनाएँ babanpandeyhttps://www.blogger.com/profile/17780357103706948852noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-29691900709735632612012-11-14T14:18:03.587+05:302012-11-14T14:18:03.587+05:30शायद कोई यह कह दे कि बिजली वाले युग में
माटी का तन...शायद कोई यह कह दे कि बिजली वाले युग में<br />माटी का तन लेकर अब हम जिंदा क्यों रहते हैं |<br /><br />कोई भी लेकर कपास नहीं , बँटते दिखता बाती<br />आधा - थोड़ा तेल मिला है ,दु;ख में हम दहते हैं |<br /><br />.....बहुत सुंदर और सटीक प्रस्तुति..<br /><br />आपको भी सपरिवार दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं!Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-24515122724716077922012-11-14T11:52:16.453+05:302012-11-14T11:52:16.453+05:30बहुत सुन्दर रचना...
आपको सहपरिवार दीपावली की हार्द...बहुत सुन्दर रचना...<br />आपको सहपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ...<br />:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-49076429115940827072012-11-14T11:44:10.463+05:302012-11-14T11:44:10.463+05:30मदिरा सवैया (7 भगण,अंत में 1 गुरु)
कातिक मास अमाव...मदिरा सवैया (7 भगण,अंत में 1 गुरु)<br /><br />कातिक मास अमावस की ,रजनी सजनी रहि दीप जला<br /><br />खावत है पकवान, नहीं मन की पढ़ता सजना पगला<br /><br />बोल थके नयना कजरा ,अँचरा कुछ भी नहि जोर चला<br /><br />फूल झरी मुरझाय चली, नहि बालम का हिरदे पिघला ||<br />अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-77137594113026630152012-11-14T11:41:17.045+05:302012-11-14T11:41:17.045+05:30
संध्या वंदन आरती, हवन धूप लोहबान |
आगम न...<br /><br /> संध्या वंदन आरती, हवन धूप लोहबान |<br /> आगम निगम पुराण में, शायद नहीं बखान |<br /> शायद नहीं बखान, परम्परा किन्तु पुरानी |<br /> माखी माछर भाग, नीम पत्ती सुलगानी |<br /> भारी बड़े विषाणु, इन्हें बारूद मारती |<br /> शुरू करें इक साथ, पुन: वंदना आरती ||<br /><br /><br /><br /> डीजल का काला धुंआ, फैक्टरी का जहर |<br /> कल भी था यह केमिकल, आज भी ढाता कहर |<br /> आज भी ढाता कहर, हर पहर हुक्का बीडी |<br /> क्वायल मच्छरमार, यूज करती हर पीढ़ी |<br /> डिटरजेंट, विकिरण, सहे सब पब्लिक पल पल |<br /> बम से पर घबराय, झेलटा काला डीजल ||<br />रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-13671958121519984332012-11-14T11:37:07.566+05:302012-11-14T11:37:07.566+05:30श्लेष और अनुप्रास का, अद्भुत संगम भ्रात
छंद - दीप...श्लेष और अनुप्रास का, अद्भुत संगम भ्रात<br /><br />छंद - दीप जगमग जले , दीवाली की रात<br /><br />दीवाली की रात , कुण्डली धूम मचाती<br /><br />भाव शब्द का मेल,कि जैसे दीपक - बाती<br /><br />वर्णन सम्भव नहीं,छंद की इस मिठास का<br /><br />अद्भुत संगम भ्रात, श्लेष और अनुप्रास का ||अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-81212172220171274132012-11-14T11:33:41.930+05:302012-11-14T11:33:41.930+05:30कीटों का नाशक बना , बारूदी यह धूम्र
साथ साथ कु...कीटों का नाशक बना , बारूदी यह धूम्र<br /><br />साथ साथ कुछ कम करे,मानव की भी उम्र<br /><br />मानव की भी उम्र, फेफड़े होंय प्रभावित<br /><br />नज़र होय कमजोर , श्वाँस भी होती बाधित<br /><br />"धुँआ करे कल्याण",बात पर है अपना शक़<br /><br />कैसे मानें धूम्र, सिर्फ कीटों का नाशक ||अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-15630830708189672302012-11-14T11:28:11.486+05:302012-11-14T11:28:11.486+05:30आतिशबाजी की प्रथा , है काफी प्राचीन
हमने देखे सी...आतिशबाजी की प्रथा , है काफी प्राचीन<br /><br />हमने देखे सीरियल ,एक नहीं दो - तीन<br /><br />एक नहीं दो - तीन,बाण जब टकराते थे<br /><br />चिंगारी के फूल , गगन में बरसाते थे<br /><br />चीन पटाखा बाप, खबर ये ताजी-ताजी<br /><br />अर्वाचीन समझते थे हम आतिशबाजी ||अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-76603721174790836092012-11-14T11:25:51.149+05:302012-11-14T11:25:51.149+05:30आतिशबाजी का जनक, हमने जाना आज
भूत पटाखों से डरे,...आतिशबाजी का जनक, हमने जाना आज<br /><br />भूत पटाखों से डरे,खूब खुला है राज<br /><br />खूब खुला है राज, भूतनी गर सुन लेगी<br /><br />मुझसे घातक कौन , सोचकर मूड़ धुनेगी<br /><br />कहीं भूत का भूत,उतारे ना नाराजी<br /><br />चली भूतनी आज , दिखाने आतिशबाजी ||अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-18539843461842279032012-11-14T11:16:11.510+05:302012-11-14T11:16:11.510+05:30बिजली के युग मेन भी आस्था ने बचाया हुआ है दीयों क...बिजली के युग मेन भी आस्था ने बचाया हुआ है दीयों के अस्तित्व को । बहुत सुंदर प्रस्तुति संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-86681357348877798632012-11-14T09:35:10.027+05:302012-11-14T09:35:10.027+05:30दीप पर्व की
हार्दिक शुभकामनायें
देह देहरी देहरे, ...दीप पर्व की<br /><br />हार्दिक शुभकामनायें<br />देह देहरी देहरे, दो, दो दिया जलाय-रविकर<br /><br /> <br />आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति का लिंक <a href="http://dineshkidillagi.blogspot.in/" rel="nofollow"> लिंक-लिक्खाड़ </a> पर है ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com