tag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post6619490377922291254..comments2024-02-18T13:50:22.657+05:30Comments on अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ): दीपावली के शुभ अवसर पर.....अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)http://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-72160546245686772542011-10-31T09:31:11.882+05:302011-10-31T09:31:11.882+05:30बहुत ही बढि़या सार्थक व सटीक अभिव्यक्ति ।बहुत ही बढि़या सार्थक व सटीक अभिव्यक्ति ।Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-22413028395824489902011-10-30T19:58:23.179+05:302011-10-30T19:58:23.179+05:30beautifully composed !!
enjoyed it :)beautifully composed !!<br />enjoyed it :)Jyoti Mishrahttps://www.blogger.com/profile/01794675170127168298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-40121924277610746442011-10-28T00:11:01.167+05:302011-10-28T00:11:01.167+05:30Sateek baat..Sateek baat..monalihttps://www.blogger.com/profile/00644599427657644560noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-56213710283518884832011-10-25T15:59:33.438+05:302011-10-25T15:59:33.438+05:30रंग-बिरंगे बाजारों में ,मत जाना ;बस छल बिकता है
झा...रंग-बिरंगे बाजारों में ,मत जाना ;बस छल बिकता है<br />झांझर,झूमर,चूड़ी,पायल, मायावी काजल बिकता है...bhaut hi sundar bhaav aur shabdo se rachi purn yatharth ki purn rachna....सागरhttps://www.blogger.com/profile/04586480950461229346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-1144314768812490642011-10-25T11:30:50.084+05:302011-10-25T11:30:50.084+05:30पञ्च दिवसीय दीपोत्सव पर आप को हार्दिक शुभकामनाएं !...पञ्च दिवसीय दीपोत्सव पर आप को हार्दिक शुभकामनाएं ! ईश्वर आपको और आपके कुटुंब को संपन्न व स्वस्थ रखें !<br />***************************************************<br /> <br />"आइये प्रदुषण मुक्त दिवाली मनाएं, पटाखे ना चलायें"Amit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-80088629535431928232011-10-24T19:36:43.319+05:302011-10-24T19:36:43.319+05:30बहुत सशक्त अभिव्यक्ति...दीपावली की हार्दिक शुभकामन...बहुत सशक्त अभिव्यक्ति...दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-14381399299735585792011-10-24T19:15:07.588+05:302011-10-24T19:15:07.588+05:30लाजवाब...
आपको धनतेरस और दीपावली की हार्दिक दिल स...लाजवाब...<br /><br />आपको धनतेरस और दीपावली की हार्दिक दिल से शुभकामनाएं <br /><a href="http://neelkamal5545.blogspot.com/" rel="nofollow"> MADHUR VAANI </a><br /><a href="http://neelkamalkosir.blogspot.com/" rel="nofollow"> MITRA-MADHUR </a><br /><a href="http://neelkamaluvaach.blogspot.com/" rel="nofollow"> BINDAAS_BAATEN </a>Neelkamal Vaishnawhttps://www.blogger.com/profile/11181440546086719343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-26780372629326199342011-10-24T17:31:09.067+05:302011-10-24T17:31:09.067+05:30बहुत अच्छी रचना सार्थक सन्देश लिए हुए,बधाई !बहुत अच्छी रचना सार्थक सन्देश लिए हुए,बधाई !Humanhttps://www.blogger.com/profile/04182968551926537802noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-39352087003734320692011-10-24T10:20:11.146+05:302011-10-24T10:20:11.146+05:30आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार...आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !<br /> मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-<br />http://seawave-babli.blogspot.com/<br />http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-8082820474746887472011-10-23T19:05:55.662+05:302011-10-23T19:05:55.662+05:30सच है अब तो सब बिकता है, पर अब भी कुछ बचे हैं...
...सच है अब तो सब बिकता है, पर अब भी कुछ बचे हैं...<br /><br />सुन्दर रचना!<br />दिवाली कि हार्दिक शुभकामनायें!चंदनhttps://www.blogger.com/profile/07421884253788583868noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-61095429937152069262011-10-23T14:34:07.415+05:302011-10-23T14:34:07.415+05:30सामयिक गीत है ... धार मय ... लय मय ... लाजवाब ...सामयिक गीत है ... धार मय ... लय मय ... लाजवाब ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-25640541942822974232011-10-23T09:25:32.732+05:302011-10-23T09:25:32.732+05:30लज्जा ,प्रेम ,क्षमा ,मुस्कानें
बाजारों में बिके तो...लज्जा ,प्रेम ,क्षमा ,मुस्कानें<br />बाजारों में बिके तो जाने<br />जो सच्चे गहने पहचाने<br />वह क्यों छाने व्यर्थ दुकानें<br /><br />आधुनिकता नैतिक मूल्यों और संस्कृति को निगल रही है।<br />बहुत बढि़या सामयिक गीत।<br />बधाई निगम जी !महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-12808005612969384962011-10-23T08:33:55.644+05:302011-10-23T08:33:55.644+05:30“सजा धजा बाजार है, धन दौलत आधार
सदा फला संसार मे...“सजा धजा बाजार है, धन दौलत आधार <br />सदा फला संसार में, भावों का व्यापार”<br /><br />विचारोत्प्रेरक/बढ़िया गीत अरुण भाई...<br />आपको सपरिवार दीपावली की बधाइयां....S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-40967961551322797412011-10-23T00:48:16.338+05:302011-10-23T00:48:16.338+05:30सशक्त अभिव्यक्ति!सशक्त अभिव्यक्ति!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-26704684490389073712011-10-22T22:33:36.895+05:302011-10-22T22:33:36.895+05:30सब धन-दौलत के व्यापारी , जाने क्या-क्या बेच रहे है...<b>सब धन-दौलत के व्यापारी , जाने क्या-क्या बेच रहे हैं<br />मंदिर परिसर में मनमीता, तुलसी-दल, श्रीफल बिकता है.</b><br />धर्म भी व्यापार बन गया है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-83956894610039565332011-10-22T22:21:06.634+05:302011-10-22T22:21:06.634+05:30बहुत सुन्दर कविता । श्रंगार के प्रतीकों के बीच भी ...बहुत सुन्दर कविता । श्रंगार के प्रतीकों के बीच भी पंक्तियाँ जीवन के यथार्थ का अहसास करा जाती हैं .. । मुझे कवि जीवन यदु के प्रसिद्ध गीत . जब तक रोटी के प्रश्नों पर .. की याद आ गई ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-54656096432203969092011-10-22T20:34:52.649+05:302011-10-22T20:34:52.649+05:30आज तो बस भावनाओं का व्यापार हो रहा है, इंसानियत की...आज तो बस भावनाओं का व्यापार हो रहा है, इंसानियत की ख़रीद फ़रोख़्त हो रही है। सब दिखावा और झूठा ही है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-64773342999281833942011-10-22T18:55:38.218+05:302011-10-22T18:55:38.218+05:30दीपावली के शुभ अवसर पर, चल अरुणिम देख छटा
दो नवगी...दीपावली के शुभ अवसर पर, चल अरुणिम देख छटा <br />दो नवगीतों को लेकर के, पूर्व-आभास घटा <br />राजगीर के दर्शनीय कर, नीरसता तनिक बटा<br />राम-राम भाई जी कहता, गिल्टी का रोग लटा<br /><br /> लिंक आपकी रचना का है<br /> अगर नहीं इस प्रस्तुति में,<br />चर्चा-मंच घूमने यूँ ही, <br />आप नहीं क्या आयेंगे ??<br />चर्चा-मंच ६७६ रविवार <br /><br />http://charchamanch.blogspot.com/रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-8117300650569057292011-10-22T18:15:06.241+05:302011-10-22T18:15:06.241+05:30सुन्दर प्रस्तुति
परिवार सहित ..दीपावली की अग्रिम श...सुन्दर प्रस्तुति<br />परिवार सहित ..दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएंसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-89034095665810743412011-10-22T13:10:51.867+05:302011-10-22T13:10:51.867+05:30बेहतरीन सशक्त और सार्थक अभिव्यक्ति।बेहतरीन सशक्त और सार्थक अभिव्यक्ति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-39107983945228944432011-10-22T12:47:23.624+05:302011-10-22T12:47:23.624+05:30सब बिकता है किंतु न बिकती
पल दो पल आँखों की निंदिय...सब बिकता है किंतु न बिकती<br />पल दो पल आँखों की निंदिया.<br /><br /><br />लज्जा ,प्रेम ,क्षमा ,मुस्कानें<br />बाजारों में बिके तो जाने<br />जो सच्चे गहने पहचाने<br />वह क्यों छाने व्यर्थ दुकानें.<br /><br />यही नहीं मिलता दुकानों में . मन कि शांति होना ज़रुरी है ..बहुत अच्छी रचनासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-841214296242338502011-10-22T12:39:05.492+05:302011-10-22T12:39:05.492+05:30बहुत लाजबाब प्रस्तुति है आपकी.
कानों में भी संगीत ...बहुत लाजबाब प्रस्तुति है आपकी.<br />कानों में भी संगीत झंकृत हो रहा है.<br />सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.<br /><br />मेरे ब्लॉग पर आईयेगा,<br />'नाम जप' के विषय में अपने अमूल्य विचार <br />और अनुभव प्रस्तुत करके अनुग्रहित कीजियेगा.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-18998886085920024222011-10-22T12:13:16.389+05:302011-10-22T12:13:16.389+05:30बहुत ही बढि़या लिखा है आपने ..सार्थक व सटीक अभिव्...बहुत ही बढि़या लिखा है आपने ..सार्थक व सटीक अभिव्यक्ति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-46417914477952397232011-10-22T11:04:00.561+05:302011-10-22T11:04:00.561+05:30लज्जा ,प्रेम ,क्षमा ,मुस्कानें
बाजारों में बिके तो...लज्जा ,प्रेम ,क्षमा ,मुस्कानें<br />बाजारों में बिके तो जाने<br />जो सच्चे गहने पहचाने<br />वह क्यों छाने व्यर्थ दुकानें....yahi to shashwat satya haiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com