tag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post2814648605694340097..comments2024-02-18T13:50:22.657+05:30Comments on अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ): हेमन्त ऋतु के दोहेअरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)http://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-82985885582788417252012-12-12T18:08:46.085+05:302012-12-12T18:08:46.085+05:30काव्य सौन्दर्य ,भाव विचार ,राग ,मल्हार और हेमंत म...काव्य सौन्दर्य ,भाव विचार ,राग ,मल्हार और हेमंत में खान पान की सहज अभिव्यक्ति जन भाषा में .मोहक रूप दोहावली का .आप भी पढ़ें -<br /><br />अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ)<br />TUESDAY, DECEMBER 11, 2012<br /><br />हेमन्त ऋतु के दोहे<br /><br /><br />कार्तिक अगहन पूस ले, आता जब हेमन्त<br />मन की चाहत सोचती, बनूँ निराला पन्त |<br /><br />शाल गुलाबी ओढ़ कर, शरद बने हेमंत |<br />शकुन्तला को ढूँढता , है मन का दुष्यन्त |<br /><br />कोहरा रोके रास्ता , ओस चूमती देह<br />लिपट-चिपट शीतल पवन,जतलाती है नेह |<br /><br />ऊन बेचता हर गली , जलता हुआ अलाव<br />पवन अगहनी मांगती , औने - पौने भाव |<br /><br />मौसम का ले लो मजा, शहरी चोला फेंक<br />चूल्हे के अंगार में , मूँगफल्लियाँ सेंक |<br /><br />मक्के की रोटी गरम , खाओ गुड़ के संग<br />फिर देखो कैसी जगे, तन मन मस्त तरंग |<br /><br />गर्म पराठे कुरकुरे , मेथी के जब खायँ<br />चटनी लहसुन मिर्च की,भूले बिना बनायँ |<br /> <br />गाजर का हलुवा कहे, ले लो सेहत स्वाद<br />हँसते रहना साल भर, मुझको करके याद |<br /><br />सीताफल हँसने लगा , खिले बेर के फूल<br />सरसों की अँगड़ाइयाँ, जलता देख बबूल |<br /><br />भाँति भाँति के कंद ने, दिखलाया है रूप<br />इस मौसम भाती नहीं, किसे सुनहरी धूप |<br /><br />मौसम उर्जा बाँटता , है जीवन पर्यंत<br />संचित तन मन में करो,सदा रहो बलवंत |<br /><br />अरुण कुमार निगम<br />आदित्य नगर , दुर्ग (छत्तीसगढ़)<br />विजय नगर, जबलपुर (मध्यप्रदेश)virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-46798661928938297342012-12-12T14:57:35.862+05:302012-12-12T14:57:35.862+05:30अरुण जी नेट वर्क बंद होने के कारण महोत्सव में नही...अरुण जी नेट वर्क बंद होने के कारण महोत्सव में नहीं पढ़ पाई थी पर ओ बी ओ पर पढने के बाद दुबारा लुत्फ़ उठा रही हूँ इन दोहों का बहुत अच्छे दोहे लिखे बहुत बहुत बधाई आपको Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-14002428271662238312012-12-12T09:48:16.680+05:302012-12-12T09:48:16.680+05:30 बेहतरीन रचना,
गर्म पराठे कुरकुरे , मेथी के जब ख... बेहतरीन रचना,<br /> गर्म पराठे कुरकुरे , मेथी के जब खायँ<br />चटनी लहसुन मिर्च की,भूले बिना बनायँ |<br /> <br />गाजर का हलुवा कहे, ले लो सेहत स्वाद<br />हँसते रहना साल भर, मुझको करके याद |<br /><br />सीताफल हँसने लगा , खिले बेर के फूल<br />सरसों की अँगड़ाइयाँ, जलता देख बबूल |Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-1079750356717568982012-12-12T07:46:30.068+05:302012-12-12T07:46:30.068+05:30निगम जी ,माफ़ी चाहते हैं ,काफी दिनों बाद मुलाकात क...निगम जी ,माफ़ी चाहते हैं ,काफी दिनों बाद मुलाकात के लिए .....वास्तव में आपको पढ़ना भाषा व भावों को समवेत दृष्टि से देखना है ....बधाईयाँ जी ....कारवां गाफिल न हो ...udaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-73272166931416293692012-12-12T01:28:22.864+05:302012-12-12T01:28:22.864+05:30आपके उत्कृष्ट पोस्ट की चर्चा बुधवार (12-12-12) के ...आपके उत्कृष्ट पोस्ट की चर्चा <a href="http://charchamanch.blogspot.com/2012/12/1091.html" rel="nofollow"><b>बुधवार (12-12-12) के चर्चा मंच</b></a> पर भी है | जरूर पधारें |<br />सूचनार्थ |Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-48468684156863045402012-12-11T20:54:40.227+05:302012-12-11T20:54:40.227+05:30वाह ,,, बहुत उम्दा,
लाजबाब प्रस्तुति दोहों के संग,...वाह ,,, बहुत उम्दा,<br />लाजबाब प्रस्तुति दोहों के संग,<br />हेमन्त ऋतु का अनोखा रंग,,,, <br /><br />recent post<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/12/blog-post_9.html#comment-form" rel="nofollow">: रूप संवारा नहीं,,,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-1124607223261596782012-12-11T20:10:10.171+05:302012-12-11T20:10:10.171+05:30हेमन्त ऋतु का अति सुन्दर वर्णन....
बहुत ही बेहतरीन...हेमन्त ऋतु का अति सुन्दर वर्णन....<br />बहुत ही बेहतरीन दोहे...<br />सुन्दर....<br />:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-70744788006406897392012-12-11T18:34:27.287+05:302012-12-11T18:34:27.287+05:30सुन्दर दोहे...सुन्दर दोहे...Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-67703171319883479432012-12-11T11:23:38.398+05:302012-12-11T11:23:38.398+05:30हेमंत के दोहों ने , खूब दिलाई याद
हलवा,साग ...हेमंत के दोहों ने , खूब दिलाई याद <br />हलवा,साग औ गुड़ का , आ गया है स्वाद । <br />संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com