tag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post1572741035622339023..comments2024-02-18T13:50:22.657+05:30Comments on अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ): तब फागुन ,फागुन लगता थाअरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)http://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-38803217103182093562013-03-28T14:30:45.374+05:302013-03-28T14:30:45.374+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो...बहुत सुन्दर प्रस्तुति!<br />आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-<br />आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शुक्रवार के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">चर्चा मंच-1198</a> पर भी होगी!<br />सूचनार्थ...सादर!<br />--<br />होली तो अब हो ली...! लेकिन शुभकामनाएँ तो बनती ही हैं।<br />इसलिए होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-66268357415441951882013-03-28T11:08:16.185+05:302013-03-28T11:08:16.185+05:30सुप्रभात आदरणीय गुरुदेव श्री वाह सत्य कहा है आपने ...सुप्रभात आदरणीय गुरुदेव श्री वाह सत्य कहा है आपने तब फागुन, फागुन लगता था. लाजवाब शानदार प्रस्तुति हार्दिक बधाई स्वीकारें होली की हार्दिक शुभकामनाएं अरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-17845190726150138002013-03-28T10:48:11.486+05:302013-03-28T10:48:11.486+05:30बहुत सुंदर रचना ..... बहुत सुंदर रचना ..... संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-92146856112941143262013-03-28T10:32:46.778+05:302013-03-28T10:32:46.778+05:30जीवन की स्वाभाविकता ग़ायब होती जा रही है!जीवन की स्वाभाविकता ग़ायब होती जा रही है!प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-4808206742656980232013-03-27T20:17:39.237+05:302013-03-27T20:17:39.237+05:30कोई देवर संग,कोई साली संग
कोई अपनी घरवाली संग
थे र...कोई देवर संग,कोई साली संग<br />कोई अपनी घरवाली संग<br />थे रंग खेलते नेह भरे<br />हर रिश्ता कितना उज्जवल था.<br />तब फागुन ,फागुन लगता था<br />यह मौसम कितना चंचल था<br /><br /><b>बहुत खूब अरुण जी लाजबाब सुंदर रचना,,,<br />आपको होली की हार्दिक शुभकामनाए,,,</b><br /><br /><b>Recent post</b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/03/blog-post_26.html#links" rel="nofollow">: होली की हुडदंग काव्यान्जलि के संग,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-82348478767331721832013-03-27T19:23:54.814+05:302013-03-27T19:23:54.814+05:30बहुत ही सुन्दर रचना...
होलिपर्व की शुभकामनाएँ...
:...बहुत ही सुन्दर रचना...<br />होलिपर्व की शुभकामनाएँ...<br />:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-3223222500118270942013-03-27T18:59:05.713+05:302013-03-27T18:59:05.713+05:30वर्त्तमान समय में त्यौहार, त्यौहार होकर केवल औपच...वर्त्तमान समय में त्यौहार, त्यौहार होकर केवल औपचारिक हो गए है <br />लोगो के पास समय ही नहीं है, मनाने वाले मनाते भी हैं, समयहीन प्राणी <br />कि दुपहिया और चारपहिया ही रंग कर चले जाते है, सोचते हैं, हमने तो <br />रंग दिया उन्हें जब समय मिलेगा तो देख लेंगें..... Neetu Singhalhttps://www.blogger.com/profile/14843330374912315760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-72405848620146268122013-03-27T15:09:12.671+05:302013-03-27T15:09:12.671+05:30होली के सात रंगों के साथ. .
आपके पूरे परिवार को रं...होली के सात रंगों के साथ. .<br />आपके पूरे परिवार को रंग भरी शुभकामनाएँ।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com