tag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post1469111390319334231..comments2024-02-18T13:50:22.657+05:30Comments on अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ): विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष - "बसंत"अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)http://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-22314681234933929442011-06-08T04:06:09.314+05:302011-06-08T04:06:09.314+05:30मानसरोवर रह गया कविताओं में शेष ..........
अब तो ब...मानसरोवर रह गया कविताओं में शेष ..........<br />अब तो बस बसंत का अंत नजर आता है ......<br />आभार इस पर्यावरण सम्मत भाव सौन्दर्य के लिए ..रागात्मक जुड़ाव के लिए प्रकृति के संग .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-14111241816320139942011-06-07T18:53:33.346+05:302011-06-07T18:53:33.346+05:30कोयल न कुहुकेगी , बुलबुल न चहकेगी
पायल न झनक...कोयल न कुहुकेगी , बुलबुल न चहकेगी<br />पायल न झनकेगी , चूड़ी न खनकेगी<br />बिंदिया न चमकेगी, सांसें न महकेगी<br />होली न दहकेगी, गोरी न बहकेगी.<br />प्रश्न भविष्य का, ज्वलंत नजर आता है<br />अब तो बसंत का बस , अंत नजर आता है<br /><br />बहुत दमदार रचना....वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-9537402947444872892011-06-07T15:25:41.210+05:302011-06-07T15:25:41.210+05:30कोयल न कुहुकेगी , बुलबुल न चहकेगी
पायल न झनक...कोयल न कुहुकेगी , बुलबुल न चहकेगी<br />पायल न झनकेगी , चूड़ी न खनकेगी<br />बिंदिया न चमकेगी, सांसें न महकेगी<br />होली न दहकेगी, गोरी न बहकेगी.<br /><br /><br />...एक ज्वलंत समस्या पर बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण ढंग से ध्यान आकर्षित कराया है...कविता के भाव मन को पूरी तरह सराबोर कर देते हैं..बहुत सुन्दरKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-23610358810457365772011-06-07T12:23:57.795+05:302011-06-07T12:23:57.795+05:30बहुत प्रभावी रचना .. बदलते पर्यावरण की समस्या को ब...बहुत प्रभावी रचना .. बदलते पर्यावरण की समस्या को बाखूबी उठाया है इस लाजवाब रचना में ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-37237116242092017862011-06-07T11:14:08.159+05:302011-06-07T11:14:08.159+05:30पर्यावरण ...जैसे ज्वलंत विषय पर इतना सुन्दर खनकता ...पर्यावरण ...जैसे ज्वलंत विषय पर इतना सुन्दर खनकता हुआ गीत ..वाह क्या कहना !<br /><br />गीत की हर पंक्ति जहाँ एक और वाजिब चिंता से रूबरू कराती है वहीँ दूसरो ओर उसका काव्य सौन्दर्य मन को बरबस ही मुग्ध कर लेता है |सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-85809153130973331392011-06-07T09:57:09.692+05:302011-06-07T09:57:09.692+05:30सुन्दर रचना...जरुरी चेतना जगाती.सुन्दर रचना...जरुरी चेतना जगाती.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-5706352189651268812011-06-07T07:53:58.431+05:302011-06-07T07:53:58.431+05:30kya baat hai ,samyik soch ka pratinidhtwa sunder h...kya baat hai ,samyik soch ka pratinidhtwa sunder hai --<br /> जंगल का नाश हुआ , गायब पलाश हुआ<br /> सेमल ने दम तोडा , आम भी निराश हुआ.<br /> चोट लगी वृक्षों को, घायल आकाश हुआ.<br /> बादल भी रो न सका , इतना हताश हुआ <br /><br /> shukriya ji .udaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-85269149177867100002011-06-07T06:47:00.092+05:302011-06-07T06:47:00.092+05:30बसंत का एहसास कराती सुंदर पंक्तियां.बसंत का एहसास कराती सुंदर पंक्तियां.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-82548392455166358752011-06-06T20:23:43.173+05:302011-06-06T20:23:43.173+05:30मै समझाता हूँ की पर्यावरण पर इतना प्रभावशाली व्यंग...मै समझाता हूँ की पर्यावरण पर इतना प्रभावशाली व्यंग कविता किसी ने नहीं लिखी होगी| बादल भी रो न सका,मौसम महाजन, <br />बहुत बढिया शब्द विन्यास है साथ हि पर्यावरण के प्रति संवेदना <br />जागो जागो धरती वाशी जागो सटीक संदेश दिया है आपने ....UMA SHANKER MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/06099647965326076377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-79078444919033543712011-06-05T23:20:37.546+05:302011-06-05T23:20:37.546+05:30प्रश्न भविष्य का, ज्वलंत नजर आता है
अब तो बसं...प्रश्न भविष्य का, ज्वलंत नजर आता है<br />अब तो बसंत का बस , अंत नजर आता है<br /><br />आज के यथार्थ का बहुत सटीक चित्रण...Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-48993988610158873642011-06-05T18:58:30.567+05:302011-06-05T18:58:30.567+05:30पर्यावरण पर हो रहे अत्याचार को दर्शाती इतनी अच्छी ...पर्यावरण पर हो रहे अत्याचार को दर्शाती इतनी अच्छी और विचारोत्तेजक कविता आज तक मैंने नहीं पढ़ी थी।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6932795526794147701.post-91037342544993574932011-06-05T14:57:40.046+05:302011-06-05T14:57:40.046+05:30इस ज्वलंत समस्या पर बहुत खूबसूरती से परिणाम कह दि...इस ज्वलंत समस्या पर बहुत खूबसूरती से परिणाम कह दिया है ... सुन्दर प्रस्तुतिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com